मुंबई । रुपये में गिरावट रोकने की कोशिश फेल हो गई। पिछले हफ्ते केंद्र ने उपायों की घोषणा की थी, जिनका करंसी पर असर नहीं हुआ। निवेशक यह कह रहे हैं कि सरकार ने रुपये में गिरावट रोकने के जो उपाय किए हैं, वे काफी नहीं हैं। ट्रेड वॉर का भी भारतीय करंसी पर बुरा असर पड़ रहा है।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को सरकार ने मसाला बॉन्ड्स पर विदहोल्डिंग टैक्स हटाना, विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बॉन्ड बाजार में निवेश में ढील, जो सामान बहुत जरूरी न हों। उनके आयात पर लगाम और करेंट अकाउंट डेफिसिट को बढ़ने से रोकने जैसे उपाय शामिल थे।
रुपये की कमजोरी पर अरुण जेटली ने कहा कि ट्रेड वॉर और कच्चे तेल के दाम में तेजी से रुपया कमजोर हुआ। अमेरिका में जो आर्थिक फैसले लिए गए हैं, उनसे डॉलर मजबूत हो रहा है। शेयर बाजार की हालत भी खराब हुई और आगे के लिए भी अच्छे संकेत नहीं हैं।
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