देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा
नई दिल्ली । बैंकों की विलय प्रक्रिया की दिशा में सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इससे बैंक और मजबूत होंगे तथा उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है, कई बैंक नाजुक स्थिति में हैं और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है।
एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार की 21 बैंकों में बहुलांश हिस्सेदारी है।
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार कर रहें हैं। विलय के बाद अस्तितव में आनेवाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। कर्मचारियों के हितों तथा ब्रैंड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा। देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूंजी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा। तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे।
यह होंगे बिंदु
नया बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
यह मजबूत प्रतिस्पर्धी बैंक होगा।
इसमें डिपॉजिट्स पर लागत कम होगी और सब्सिडियरीज में सामंजस्य होगा।
ग्राहकों की संख्या, बाजार तक पहुंच और संचालन कौशल में वृद्धि होगी। ग्राहकों को ज्यादा प्रॉडक्ट्स और बेहतर सेवा ऑफर किए जा सकेंगे।
बैंकों की ब्रैंड इक्विटी सुरक्षित रहेगी।
तीनों बैंकों को फिनैकल सीबीएस प्लैटफॉर्म पर लाया जाएगा।
नए बैंक को पूंजी दी जाएगी।
देश में बैंक ऑफ बड़ौदा के 5,502, विजया बैंक के 2,129 और देना बैंक के 1,858 ब्रांच हैं।
विलय से 9,489 ब्रांच हो जाएंगे।
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