महिला चिकित्सक ने आन्दोलनकारियों के दबाव से तनावग्रस्त होकर  की आत्महत्या, लिखा सुसाइट नोट

Dr. CHETAN THATHERA
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दौसा/ जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर स्थित निजी चिकित्सालय की महिला चिकित्सक(गायनोलोजिस्ट) मैं आज आंदोलनकारियों के दबाव में आकर तनाव ग्रस्त होकर सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली महिला डॉक्टर अपने पीछे दो मासूम बच्चे छोड़ गई है और सुसाइड नोट में उसने अपने पति को बेकसूर बताया है मृतक की सकता पति भी डॉक्टर है।

Woman doctor commits suicide under pressure from agitators, wrote suicide note

घटना के अनुसार लालसोट के कैथून रोड पर डॉ सुमित उपाध्याय डॉ अर्चना शर्मा *उपाध्याय) का हॉस्पिटल है इस हॉस्पिटल में सोमवार सुबह हेमावास गांव निवासी आशा देवी बेरवा पत्नी नानूराम बेरवा प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन हॉस्पिटल लेकर आए जहां प्रसूता की हालत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर अर्चना उपाध्याय ने परिजनों की सहमति से प्रसूता आशा देवी का सिजेरियन (ऑपरेशन) से बच्चा करने की सहमति मिलने पर सिजेरियन किया और डिलीवरी हुई डिलीवरी के कुछ समय बाद प्रसूता की हालत डर गई और उपचार के दौरान आशा देवी ने दम तोड़ दिया ।

आनंद हॉस्पिटल के प्रशासन ने प्रसूता व नवजात का बिना पोस्टमार्टम कराए शव परिजनों को सौंप दिया परिजन शव लेकर गांव पहुंचे जहां इस घटना की जानकारी मिलने पर लालसोट विकास मोर्चा के अध्यक्ष शिव शंकर जोशी भाजपा नेता बलराम बेरवा सहित कई जाने मौके पर पहुंच गए और शव को लेकर वापस लालसोट आनंद हॉस्पिटल के बाहर आकर धरने पर बैठ गए तथा उन्होंने हॉस्पिटल के चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की।

आनंद हॉस्पिटल संचालकों का कहना है कि आशा देवी की रात 9:00 बजे डिलीवरी के बाद रात 11:00 बजे उसके रक्तस्राव शुरू हो गया । रक्तस्राव को रोकने के लिए ऑपरेशन थिएटर में चिकित्सकों ने 2 घंटे तक पूरा प्रयास किया और दो यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया रक्तस्राव जैसे केस में रोगी का बचना मुश्किल सा हो जाता है लेकिन चिकित्सकों ने अपने प्रयास में कोई कमी नहीं रखी।

इधर हंगामे की सूचना मिलते ही डिप्टी एसपी शंकर लाल मीणा मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार की ओर से रिपोर्ट मिलने पर चिकित्सक दंपति के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया।

इधर इस आंदोलन और आन्दोलनकारियों के दबाव तथा मामला दर्ज होने से दबाव में आकर तनाव ग्रस्त होकर महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा ने आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । आत्महत्या करने से पहले अर्चना शर्मा ने एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने लिखा कि मैं और मेरे पति से मैं बहुत प्यार करती हूं मेरे मरने के बाद इनको परेशान मत करना तथा मैंने कोई गलती नहीं की है और रक्तस्राव के बाद प्रसूता का बचना चिकित्सक पद्धति में मुश्किल होता है इसके लिए डॉक्टर को प्रताड़ित करना बंद करें और मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे । सुसाइड नोट के अंत में लिखा कि मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।

डॉ अर्चना शर्मा की आत्महत्या करना अस्पतालों में आए दिन होने वाली ऐसी घटनाओं के लिए एक सबक है चिकित्सक जिसे भगवान का रूप माना जाता है और कोई भी चिकित्सक किसी भी रोगी को मौत के मुंह में नहीं जाने देने की पूरी कोशिश करता है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम