
गहलोत ने भाजपा की सरकार के माथे डाली प्रदेश की विफलताएं
जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में पिछली भाजपा सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि रिफाइनरी, रेल लाइन सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं को जानबूझकर अटकाया गया। आज जो राज्य की खराब माली हालत है, उसके लिए भी वहीं जिम्मेदार है। पिछली सरकार ने राजस्थान को बर्बाद कर दिया।
उन्होंने प्रश्नकाल में टोंक रेल लाइन के बारे में पूछे गए सवाल के दौरान दखल करते हुुए यह आरोप लगाए। रेल लाइन के बारे में उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछली बार सरकार बदल गई और हम सत्ता से बाहर हो गए नहीं तो टोंक से जुड़ी रेलवे लाइन के सवाल की नौबत नहीं आती। हाकिम बदलते ही हुकम नहीं बदलना चाहिए।
हमने टोंक रेलवे लाइन को लेकर केंद्र को ऑफर दिया था, आधा पैसा राज्य सरकार देगी और आधा केंद्र सरकार को देना पड़ेगा
प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया के बार-बार यह पूछने पर कि क्या सरकार अपने पुराने प्रस्ताव पर कायम है, तो गहलोत ने कहा कि तब माली हालत अच्छी थी। हमने टोंक रेलवे लाइन को लेकर केंद्र को ऑफर दिया था, आधा पैसा राज्य सरकार देगी और आधा केंद्र सरकार को देना पड़ेगा लेकिन दुर्भाग्य से आपकी सरकार आ गई तथा आप ने फैसले को बदल दिया। आज जो प्रदेश में खजाने की हालत बनी हुई है वह आप ही छोड़ कर गए थे, ऐसे में अगर रिद्धि-सिद्धि वापस आएगी तो हम फिर केंद्र को आधा पैसा ऑफर करेंगे और रेलवे लाइन का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपको 25 सीटें मिली है,आप केन्द्र से पैसे की मांग कीजिए, मैं भी आपके साथ चलूंगा। इससे पहले भाजपा के कन्हैयालाल के सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र मालपुरा से गुजरने वाली अजमेर वाया टोडारायसिंह, टोंक होते हुए सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन केन्द्र सरकार स्वीकृत कर चुकी है लेकिन आधा पैसा केन्द्र सरकार ने नहीं दिया है। वर्ष,2013 में राज्य सरकार ने नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने और परियोजना लागत 50 प्रतिशत राशि वहन करने की शर्त को स्वीकार किया था लेकिन वर्ष,2016 में राज्य सरकार ने निर्माण लागत की 50 प्रतिशत सहभागिता देने में असमर्थता व्यक्त की और रेलवे को अपने स्तर से परियोजना क्रियान्वित करने का आग्रह किया था।
कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि फसल बीमा योजना के तहत केन्द्र से बकाया राशि प्राप्त होते ही सम्बन्धित किसानों के खातों में हस्तान्तिरित की जाएगी। वे प्रश्नकाल में सदस्यों की ओर से इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष ,2018-19 की केन्द्र की बकाया राशि प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। वर्ष,2018-19 की रबी की 1050 करोड़ रुपए केन्द्र पर बकाया है। इस राशि में से प्राप्त 350 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष,2017-18 के रबी और खरीफ फसल के पेटे बकाया 463 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके है और यह राशि सम्बन्धित काश्तकारों के खाते में जुलाई के प्रथम सप्ताह में पहुंच जाएगी।