विहिप ने अधिनियम को लेकर जताया प्रधानमंत्री का आभार
Jaipur News – नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 का समर्थन करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय में परिषद के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य संत राघवाचार्य महाराज ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से ऐसे पीड़ित एवं शोषित लोगों को नागरिकता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा जो कि वास्तव में इसके हकदार हैं और जिनको बरसों से इसका बेसब्री से इंतजार था। उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग देशों में अल्पसं यक हिन्दू, सिख और जैनों के साथ अमावीय व्यवाहर हो रहा है, नागरिकता संसोधन बिल से इनको राहत मिलेगी।
राघवाचार्य महाराज ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद प्रदेशवासियों से आह्वान करता है कि इस अधिनियम को लेकर किसी भी तरह की भ्रांतियों से बचते हुए राज्य में शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि परिषद इस अधिनियम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद ज्ञापित करता है। पत्रकार वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान में लगभग 6.5 प्रतिशत से अधिक हिन्दू थे, जो आज घटकर लगभग 1.6 प्रतिशत ही रह गए हैं। इसी तरह बांग्लादेश (उस समय का पूर्वी पाकिस्तान) में लगभग 22.50 प्रतिशत हिन्दू थे जो कि आज 12.00 प्रतिशत ही शेष रह गए हैं।
इसस साफ जाहिर हो रहा है कि वहां बसे हिन्दुओं का धार्मिक उत्पीडऩ हो रहा है और उनका बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। यही कारण है कि नागरिकता संसोधन विधेयक की जरूरत महसूस की जा रही थी। उपाध्याय ने बताया कि जोधपुर में शरणार्थियों को साधन-सुविधाएं नहीं मिलने से वे लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इसी तरह प्रतिवर्ष हजारों की सं या में हिन्दू भारत आकर बसते हैं लेकिन इनको नागरिकता नहीं मिल पा रही है। इस अधिनियम के पारित होने से अब ऐसे विस्थापित हिन्दू परिवारों को नागरिकता मिल सकेगी और ऐसे परिवारों के जीवन स्तर में सुधार हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि कि नागरिकता संसोधन अधिनियम विभाजन के समय हुई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का सशक्त माध्यम साबित होगा। विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री ने कहा कि हालांकि कुछ हिन्दूत्व विरोधी तत्वों को यह अधिनियम रास नहीं आ रहा है लेकिन सकारात्मक सोच के साथ इस अधिनियम के लिए केंद्र सरकार की सराहना की जानी चाहिए। पत्रकार वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद राजस्थान के संरक्षक दामोदर दास मोदी, प्रांत सहमंत्री रामगोपाल शर्मा, प्रांत संगठन मंत्री राजाराम एवं धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा भी उपस्थित रहे।