Tonk News। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक द्वारा महिला दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविरों के अन्तर्गत शुक्रवार कोे नई दिशा संस्थान, खोजा बावड़ी के पास, टोंक में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दीपचंद बैरवा, अधिवक्ता ने उपस्थित महिलाओं को महिला अधिकारों एवं महिलाओं के कल्याण के संचालित की जा रहीे कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। उन्होने रालसा, जयपुर के निर्देशानुसार दिनांक 03 मार्च से 08 मार्च तक आयोजित किये जा रहे महिला दिवस के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस संबंध में जानकारी देते हुये उन्होने बताया कि बंसल ने कहा कि महिलाऐं समाज का महत्वपूर्ण अंग है।
किसी भी देश की प्रगति एवं निर्माण महिलाओं की शत प्रतिशत भागीदारी के बिना नही हो सकता। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी पिछले वर्षों में काफी बढ़ी है जो कि एक शुभ संकेत है कि महिलाऐं प्रत्येक क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं। यह बात महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करती है।
उन्होनें महिलाओं के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में एवं पीड़ित प्रतिकर स्कीम के बारे में विशेष रूप से जानकारी प्रदान की एवं उपस्थित महिलाओं से यह भी आह्वान किया कि वे यह जानकारी अपने गाँव में प्रदान करें जिससे कि लोग लाभ प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर नालसा द्वारा संचालित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाऐं योजना, बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवाऐं योजना, के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
नालसा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्र का विकास, उस राष्ट्र के बच्चों के विकास से ही संभव है तथ बच्चों को शोषण से बचाना भी आवश्यक है। विधिक सेवा प्राधिकरण का यह कर्तव्य है कि प्रत्येक बालक को मुफ्त विधिक सहायता उपलबध कराई जाये।
अधिवक्ता ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के बारे में भी अहम जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण प्रदूषण और पर्यावरण क्षति के पीड़ितों को राहत और मुआवज़े के लिए एक मंच प्रदान करता है जिसकी देश में कुल पाँच स्थानों पर बैंच है जिनमें हाल ही में ऑनलाईन याचिका शुरू की है ।
जिसके द्वारा ऐसे लोग जो बैंच तक पहुंचने में असमर्थ हैं, वे लोग इसका ऑनलाईन लाभ उठा सकते हैं। प्रदूषण और पर्यावरण क्षति के पीड़ितों को राहत और मुआवज़े से संबंधित मामलों के संबंध में एनजीटी के वेब अड्रेस हतममदजतपइनदंसण्हवअण्पद पर जाकर अपील की जा सकती है। इसके अलावा उन्होनें असुरक्षित खुले कुए व बोरवेलों के बारे में भी जागरूक किया।