राजधानी के वैशालीनगर थाने में दुष्कर्म पीडिता के आत्मदाह का मामला मंगलवार को भाजपा के कालीचरण सराफ ने विधानसभा में उठाया। शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए सराफ ने आरोप लगाया कि पुलिस के दुव्र्यवहार के कारण महिला ने आत्मदाह किया। इस प्रकरण में पीडि़ता ने साक्ष्य प्रस्तुत किए उन पर पुलिस ने सही से कार्रवाई नहीं की। ऐसे में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके बाद स्थगन पर बोलते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मामले के इतने दिन बीतने के बाद अब पुलिस कमिश्नर ने इसे झूठा बताया है। अगर मामला झूठा था तो पुलिस ने एफआर लगाकर कोर्ट में पेश क्यों नहीं की। इस पर जब मंत्री शांति धारीवाल जवाब देने उठे तो भाजपा विधायकों और शांति धारीवाल के बीच विवाद हो गया, जिसके कारण सदन में हंगामा हो गया और भाजपा सदस्य वाकआउट कर सदन से बाहर चले गए।
इसके कुछ देर सभी भाजपा सदस्य वापस सदन में आ गए। इस बार मोर्चा महिला विधायकों ने संभाल लिया। किरण माहेश्वरी ने इस मामले में मंत्री के जवाब की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मंत्री को जवाब के लिए अनुमति नहीं दी। जोशी निरन्तर सबको बैठने के लिए कहते रहे लेकिन किरण माहेश्वरी मंत्री से जवाब की मांग पर अड गई।
इस दौरान उनका साथ देने को अन्य महिला विधायक भी आ गई और सभी महिला विधायक वैल की ओर बढ गए। इस पर आसन ने सभी को कडी चेतावनी दी तो उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड भी महिला विधायकों के साथ हो गए और उनके साथ सभी भाजपा सदस्य वैल में आकर नारेबाजी करने लगे।
इसी बीच हंगामे और नारेेबाजी के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने दो विधेयक भी पेश कर दिए तो भाजपा विधायक वहीं वैल में बैठ गए। बाद में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने स्पीकर जोशी से बात की और उसके कुछ देर बाद जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।