Udaipur News। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर सोमवार को पूरे देश ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव मनाया। उदयपुर के ऐतिहासिक जगप्रसिद्ध जगदीश मंदिर में भी जन-जन के आराध्य भगवान जगदीश भी रथ में बिराजे और परम्परानुसार उन्हें भ्रमण कराया गया।
परम्परा तो बड़े रजत रथ पर नगर भ्रमण की बन चुकी है, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए उन्हें लगातार दूसरे वर्ष मंदिर परिसर के अंदर ही मंदिर की परिक्रमा में छोटे पारम्परिक रथ में भ्रमण कराया गया। भक्तों ने कहा कि भगवान ने भी मंदिर परिसर में ही परिक्रमा कर जन-जन को यही संदेश दिया कि महामारी से बचाव के लिए पूर्ण सावधानी बरतें और जागरुकता रखें।
कोरोना गाइडलाइन के चलते सोमवार को मंदिर 2 बजे ही दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया। शाम साढ़े पांच बजे रथयात्रा उत्सव सिर्फ पुजारियों की उपस्थिति में शुरू हुआ। भगवान के विग्रह को गर्भगृह से बाहर पारम्परिक रथ पर बिराजमान कराया गया। इसके बाद जयकारों के साथ रथ को उठाकर मंदिर की परिक्रमा में लाया गया।
फिर पारम्परिक पदों के गायन के साथ ही भक्तों ने नाचते-गाते प्रभु को परिसर की परिक्रमा कराई। झांझ-पखावज की थाप पर ‘रथ बैठे जगदीश’ के पारम्परिक पद गायन पर वहां मौजूद पुजारीगण भी मगन होकर नाचे और भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाए। छत्र-चंवर, सूरज-चांद निशान के साथ निकली भगवान की रथयात्रा का समापन महाआरती से हुआ।
कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इस उत्सव का सीधा प्रसारण फेसबुक, इंस्टा, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया माध्यमों पर किया गया जिसे उदयपुर सहित पूरे विश्व में भगवान जगन्नाथ के भक्तों ने देखा और अपनी श्रद्धा को शब्दों और इमोजी में व्यक्त किया।