Udaipur News। शराब के ठेकों पर साफ लिखा होता है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शराब नहीं दी जाएगी, लेकिन.. उदयपुर में जो दृश्य सामने आया है, उसमें मासूम बच्चों के हाथ में शराब की बोतलें देखकर आप हैरान रह जाएंगे। ये दृश्य उदयपुर जिले के सेमारी थाना क्षेत्र का है जहां सेमारी से कुंडा मार्ग पर शराब की दुकान के गोदाम से नाबालिग शराब की बोतल खरीदता नजर आ रहा है। सवाल यह है कि आखिर इस दृश्य के लिए जिम्मेदार कौन है?
आबकारी विभाग के कड़े नियमो के बावजूद ऐसा नजारा सामने आना कई सवाल खड़े कर रहा है। कहने को विभाग सख्त है, यदि सख्त है तो शराब विक्रेता नियम का पालन क्यों नहीं कर रहे। यह भी ठीक है, लेकिन शराब विक्रेता कम से कम मानवीयता दिखाते हुए नाबालिगों को तो इस नशे से दूर रख सकते हैं। लेकिन, ठेका संचालक खुलेआम बगैर किसी खौफ के छोटे बच्चों को दारू बेच रहे हैं, जो इस दृश्य में नजर आ रहा है। उन्हें सिर्फ अपनी कमाई से मतलब है।
बाल आयोग लेगा प्रसंज्ञान
राजस्थान बाल आयोग के सदस्य डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या का कहना है कि यह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 77 और 78 का उल्लंघन है। इसमें सात साल की सजा या एक लाख तक के जुर्माने या दोनों दण्ड का प्रावधान है। संबंधित विभाग को इस पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा दृश्य सामने आया है तो बाल आयोग प्रसंज्ञान लेगा।