Udaipur News। केन्द्रीय वस्तु सेवा कर (जीएसटी) विभाग उदयपुर कमिश्नरेट की एंटीइवेजन शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई कर 44 करोड़ मूल्य के बिलों द्वारा 7.97 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी है।
गिरोह का पर्दाफाश कर मुख्य आरोपित अनिल कुमार अरोड़ा निवासी मंडी गोविंदगढ़, पंजाब को गिरफ्तार किया गया है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि विभाग को गुप्त सूचना मिली कि उदयपुर शहर से एक गिरोह मार्च 2021 से ही बिना ई-वे बिल और फर्जी बिल्टियों के आधार पर आयरन लोकल कबाडि़यों से नगद में खरीद कर पंजाब भेज रहा है।
इस पर 18 जुलाई को नाकेबंदी के दौरान मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया उदयपुर में पंजाब और हरियाणा नम्बर के दो ट्रकों को रुकवाकर जांच की गई। जांच के दौरान दोनों ट्रकों में आयरन स्क्रेप बिना ई-वे बिल और अंडर वैट – अंडर वैल्यू के मण्डी गोविन्दगढ़, पंजाब भेजा जा रहा था।
जांच के दौरान पाया गया कि यह माल अनिल कुमार अरोड़ा उर्फ शंटी एवं उनके पुत्र रितिक अरोड़ा के कहने पर उन्होंने उदयपुर के स्क्रेप डीलरों के गोदाम से भरा जिसे पंजाब स्थित मण्डी गोविन्दगढ़ ले जाया जाना था।
गहन जांच में सामने आया कि आरोपित अनिल कुमार अरोड़ा उर्फ शंटी ही इस गिरोह का राजस्थान में मास्टर माइंड है जिसके द्वारा बिना बिल एवं बिना ई-वे बिल के आयरन स्क्रेप की खरीद-बेचान की जा रही है। इसके लिए उदयपुर में बालाजी सेल्स कॉर्पोरेशन व नागौर में करणी माता एंटरप्राइजेज के नाम से फर्म बनाई गई।
विभाग ने अनिल पर नजर रखी और उसके उदयपुर आते ही 23 जुलाई को उसके उदयपुर आवास पर सर्च ऑपरेशन किया गया।
वहां से बरामद दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन जब्त किए गए और उनसे सबूत पुख्ता हो गए कि सारा खेल वहीं चला रहा था। आरोपित अनिल व उसके गिरोह ने जीएसटी चोरी का अलग ही तरीका अपनाया था।
जिसमें अन्य व्यक्तियो के नाम पर फर्म खोली जाती थी जिससे माल का बिल जारी किया जाता था तथा नकली ट्रांसपोर्टर कम्पनी द्वारा बिल्टी जारी कर माल को पंजाब भेजा जाता था।
बिना ई-वे बिल के माल पहंुच जाने के बाद बिल को नष्ट कर दिया जाता था तथा उन्हें जीएसटी रिटर्न में भी नहीं दिखाया जाता था और माल की बेचान पर देय जीएसटी का भुगतान भी नहीं किया जाता था। इस मामले मे आगे जांच जारी है।