✍️ मूलचन्द पेसवानी
Bhilwara News । भीलवाड़ा जिले के तसवारिया बांसा स्थित चतुर्मुखी शिव मंदिर में सोमवार को अखण्ड रामधुनि के साथ शिवरात्रि महोत्सव के तहत पाँच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात 8 बजे किया गया। ग्रामीणो द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। पं. बृजेश दाधीच ने कहा कि भगवान शिव ने ही सृष्टि की उत्पत्ति की है और शिव ही संहारक है।
भगवान शिव की भक्ति करने वालों को आनन्द की प्राप्ति होती है।
मेला व विकास समिति के अध्यक्ष शंकर लाल बडतेला ने बताया कि चतुर्मुखी शिव मंदिर में प्रतिवर्ष शिवरात्रि का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष भी पाँच दिवसीय शिवरात्री महोत्सव बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
महोत्सव के तहत रोजाना रुद्राभिषेक किया जाएगा और पांच दिन तक अखण्ड रामधुनि का आयोजन होगा। साथ ही महाशिवरात्री मुख्य महोत्सव 20 फरवरी को विशाल भजनसंध्या व 21 फरवरी को शोभायात्रा का आयोजन होगा । जिसमे आस पास के सैकडो ग्रामीण भाग लेगें।
मंदिर का इतिहास-मंदिर के पुजारी भैरूलाल गोस्वामी के मुताबिक चार सौ साल पुराने इस मंदिर में स्थापित चतुर्मुखी शिव की मूर्ति सैकड़ों वर्ष प्राचीन है। मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह में लगभग 20 साल से अखंड ज्योति प्रज्जवलित हैं इस मंदिर में धूनी भी जल रही है। इस धूनी को तपस्वी संत ने प्रज्जवलित किया थाद्य तभी से इस अखंड धूनी की भस्म अर्थात राख को ही महाप्रसाद के रूप में दिया जाता है।