Bhilwara News (मूलचन्द पेसवानी)- तसवारिया बांसा के मंसूरी समाज के लिए मिसाल प्रस्तुत करने वाले गांव के रहने वाले अलाबक्ष मंसूरी ने अपने पुत्र के विवाहोत्सव निकाह पर एक मिसाल कायम की है। दहेज रूपी सामाजिक कुप्रथा से समाज त्रस्त है, लेकिन उनके पुत्र ने बिना दहेज के शादी कर उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूं तो समाज दहेज प्रथा से पीड़ित है। समाजसेवी लोग समय समय पर मंचों से दहेज प्रथा को समाप्त करने की बात करते आ रहे हैं।
¨किन्तु प्रथा बंद होने का नाम ही नहीं ले रही है। अलाबक्ष मंसूरी भी उन समाजसेवियों में से एक है। उन्होंने अपने पुत्र आरिफ मंसूरी की शादी फरहाना निवासी रांची(असम)से की है और हाल ही में संपन्न इस शादी निकाह में महज एक रुपया भी नही लिया है।
आरिफ का निकाह फरहाना के साथ हुआ है। आरिफ मंसूरी व फरहाना बैगम साथ मे सी.ए. करने के उपरांत रांची (असम) में भारत सरकार का उपकर्म काँल इंडिया लिमिटेड कंपनी में कार्यरत है इस मौके पर उन्होंने लोगों से इस दहेज की कुप्रथा का अंत करने पर बल दिया। परिवार के वरिष्ठ जनो एव ग्रामीणो सहित कई लोगो ने वर-वधु को आशीर्वाद दिये।
चुनाई का काम करने वाले अलाबक्ष मंसूरी कारीगर के बेटो ने शिक्षा जगत मे उपलब्धी हासिल की है
फूलिया कलां उपखण्ड क्षेत्र के तसवारिया बांसा ग्राम पंचायत निवासी जो कारीगरी चुनाई का काम करते है, उनके तीनो पुत्र अकबर मंसूरी, आसिफ मंसूरी, आरिफ मंसूरी ने रात दिन एक करके राजकिय सेवा मे उपल्बधि हासिल कर अपने परिवार के साथ साथ तसवारिया बांसा ग्राम पंचायत क्षेत्र का नाम रोशन किया है।छात्र के पिता ने बताया कि मेरी मेहनत और मेरे बच्चो की शिक्षा के प्रति लगन ने आज मुकाम हासिल किया है तथा उन्होंने यह भी बताया कि गरीबी रेखा में जी कर भी हम अपने बच्चो को पढ़ाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।