Tonk News ।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक द्वारा महिला दिवस के अवसर पर 3से 8 मार्च को कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । कार्यक्रमों के तहत 5 मार्च को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक, जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, टोंक व जिला समन्वयक एक्शन एड यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में विधिक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली का शुभारम्भ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक पंकज बंसल व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश द्वारा हरी झण्डी दिखाकर किया गया।
जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार 3 मार्च से 8 मार्च तक महिलाओं की जागरूकता हेतु आयोजित किये जा रहे विशेष कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी दी। उन्होने बताया कि सभी महिलाओं को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के लिये सदैव सजग रहना चाहिए, पूर्व में जब महिलाओ को कमतर माना जाता था तो देश एवं समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका बहुत कम थी वर्तमान में आज महिलाऐं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी दे रहीे है। जिससे यह साबित हो गया है कि महिलाओं को यदि सही शिक्षा एवं मार्गदर्शन मिल जाये तो महिलाऐं किसी भी क्षेत्र में अपनी अच्छी भूमिका निभा सकती है।
जिला समन्वयक एक्शन एड यूनिसेफ ज़हीर आलम ने महिला साप्ताहिक कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिला दिवस के अवसर पर आज घूंघट प्रथा समाप्ति व बाल विवाह रोकथाम हेतु जागरूकता रैली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक से निकाली गई जो घंटाघर होते हुए गाँधी पार्क तक पहुंच कर वापस जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक में आकर समाप्त हुई। जागरूकता रैली में आँगनबाड़ी केन्द्र की महिलाओं एवं बच्चों ने भाग लिया। इसके अलावा हस्ताक्षर अभियान का आयोजन भी किया गया।
जागरूकता रैली में उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, टोंक चाईल्डलाईन से एकता, कमलेश, प्रेम, राहुल, आलिया, अनिता, पायल, मोना मुस्कान, किरण, दीपिका, फायज़ा, फराह, आयशा, नेहा आदि उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त महिला दिवस सप्ताह के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक द्वारा काला बाबा, पुरानी टोंक में विशेषतः महिलाओं हेतु साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में केदारमल गुर्जर, अधिवक्ता ने उपस्थित महिलाओं को महिला अधिकारों एवं महिलाओं के कल्याण हेतु संचालित की जा रहीे कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर उनके द्वारा महिला अधिकारों, अनुसूचित जाति, बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगों, लैंगिक अल्पसंख्यकों, जनोपयोगी सेवाओं के बारे में जानगारी प्रदान की गई।
उन्होनंे अपने उद्बोधन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता, पीडित प्रतिकर स्कीम-2011 एवं बाल-विवाह के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त अधिवक्ता महोदय ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के बारे में भी अहम जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण प्रदूषण और पर्यावरण क्षति के पीड़ितों को राहत और मुआवज़े के लिए एक मंच प्रदान करता है जिसकी देश में कुल पाँच स्थानों पर बैंच है जिनमें हाल ही में ऑनलाईन याचिका शुरू की है जिसके द्वारा ऐसे लोग जो बैंच तक पहुंचने में असमर्थ हैं, वे लोग इसका ऑनलाईन लाभ उठा सकते हैं। प्रदूषण और पर्यावरण क्षति के पीड़ितों को राहत और मुआवज़े से संबंधित मामलों के संबंध में एनजीटी के वेब अड्रेस हतममदजतपइनदंसण्हवअण्पद पर जाकर अपील की जा सकती है। इसके अलावा उन्होनें असुरक्षित खुले कुए व बोरवेलों के बारे में भी जागरूक किया।