TONK : सोनोग्राफी करने वाला डॉक्टर बिना छुट्टी स्वीकृत कराए ही 15 दिन से छुट्टी पर,जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने लगाई ………

liyaquat Ali
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टोंक। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने बुधवार को मातृ एवं शिशु चिकित्सालय (एमसीएच) और सआदत अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एमसीएच में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मरीजों को सोनाग्राफी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिस पर जिला कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की।

उन्होंने मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में भीड़-भाड़ और अव्यवस्थाओं पर असंतोष जताते हुए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) डॉ. बीएल मीणा को एक ओपीडी काउंटर बढ़ाने का निर्देश दिया। अभी यहां दो ओपीडी और एक आईपीडी काउंटर चल रहे हैं।

एमसीएच में लैब टेक्नीशियन की कमी के कारण सैंपल लेने के लिए एक ही कार्मिक था, इसलिए जिला कलेक्टर ने सैंपल लेने के काम में दो नर्सिंग छात्रों को लगाकर तीन सैंपल काउंटर शुरू कराए। उन्होंने पीएमओ को दो डीडीसी शुरू करने के भी निर्देश दिए।

जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने सोनोग्राफी में 15 दिन की लंबी वेटिंग को लेकर संबंधित डॉक्टरों के प्रति नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने पाया कि सोनोग्राफी करने वाला डॉक्टर बिना छुट्टी स्वीकृत कराए ही 15 दिन से छुट्टी पर है।

जिला कलेक्टर ने डॉक्टर को छुट्टी से वापस बुलाया। उन्होंने डॉक्टर और एमसीएच के प्रभारी विनोद परवेरिया को चार्जशीट देने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिया कि सआदत अस्पताल से अस्थायी रूप से बुलाए गए डॉक्टर को वापस भेजा जाए। एमसीएच में सोनोग्राफी की वेटिंग 300 थी। जिला कलेक्टर ने ये सभी जांचें शनिवार तक पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने तीनों सोनोग्राफी मशीनों को चालू कराया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारी को निर्देश दिए कि वेटिंग एरिया में बेंच और अस्थायी बैठने की व्यवस्था की जाए और बंद शौचालय चालू किए जाएं।

जिला कलेक्टर ने सआदत अस्पताल में भी ओपीडी काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां लैब टेक्नीशियन की कमी है, जिसकी वजह से जांचों में ज्यादा समय लग रहा है। ऐसे में फील्ड से 5-6 लैब टेक्नीशियन को इस पीक सीजन में इन अस्पतालों में लगाने के प्रयास किए जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर करने के लिए भी फील्ड से नर्सिंग स्टाफ को लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अस्पताल के नियमों के मुताबिक आरएमआरएस की अधिकतम 20 फीसदी धनराशि ही कर्मचारियों पर खर्च की जा सकती है। एमसीएच और सआदत अस्पताल में 20 फीसदी की सीमा पहले ही पार हो चुकी है। पिछले साल निरीक्षण के दौरान सफाई कर्मचारियों की तादाद में काफी बढ़ोतरी की गई थी।  

उन्होंने कहा कि इन दोनों अस्पतालों में सिविल डिफेंस के करीब 10 लोगों को लगाया जाएगा, जिन्हें आवारा पशुओं का अस्पताल परिसर में प्रवेश रोकने और पार्किंग की व्यवस्था संभालने का काम दिया जाएगा।

जिला कलेक्टर ने बताया कि पिछले साल अस्पताल की मरम्मत के लिए 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। यह काम करीब 70 फीसदी पूरा हो गया है।

जिला कलेक्टर का बुधवार को यह शुरुआती दौरा था। अगला दौरा शुक्रवार को होगा और उसके बाद अगले सप्ताह में भी निरीक्षण के दौरे होंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में अव्यवस्थाओं को लेकर उनके पास मरीजों के फोन कॉल आ रहे हैं।

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