Tonk / शाहिन बाग प्रदर्शन को जबरन हटाया गया तो देश में हजारो शाहिन बाग बन जायेंगे: मेंहविश आसिम

liyaquat Ali
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tonk news : टोंक संविधान बचाव, देश बचाव, सत्याग्रह टोंक जिला मुख्यालय पर  मोती बाग में 19 वे दिन को भी पूरे जोश के साथ जारी रहा, वही गुरुवार की रात्रि सत्याग्रह में शामिल होने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से दो छात्रा वरदह बेग, मेंहविश आसिम और जेएनयू से एक छात्रा सुमैय्या स्वालिहा  आई और इन छात्राओ के आने की खबर दिन भर से सोशल मिडिया पर चल रही थी जिससे मोती बाग में छात्राओ को सुनने के लिए भरी सख्या में महिला-पुरुष इकट्टा हो गए।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कि मेंहविश आसिम ने बताया कि हम 9 दिसम्बर से  सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ संवेधानिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जो सरकार और पुलिस को बर्दाश्त नही हुआ और उन्होंने दमन करी नीति अपनाते हुए अपनाते हुए 15 दिसम्बर कई रात्रि  होस्टल में बिना इजाजत होटल के घुस कर हिंसा फेलाई और छात्राओ को भी मारा हमारे कई साथी घायल हो गए उन्होंने बाथरूम में मारा,पुस्तकालय में मारा, गेस्ट हाउस मारा, हमारे कई साथियों के हाथ पैर फेक्चर हो गये आँख फुट गई। आने वाला वक्त हमारे लिए और कड़ा है, हमारी आवाज़ को दबाने कि कोशिश कई जा रही ह,ै लेकिन टोंक के मोती बाग सहित देश भर के लोगो ने हमारा साथ दिया, हमारी आवाज से आवाज मिलाई और कहा कि अब में यह कह सकती हुं कि यदि सरकार ने ताकत के बल पर शाहीन बाग से हटाने कई कोशिश कई तो देश में देश में हजारो शाहीन बाग बन जायेंगे कियोकि हम वो जिसे जितना दबाओ गे उतना बदेंगे।

सुमैय्या स्वालिहा ने कहा कि ख्वाब न आर सी का देखने वालो आसमा से आजाब टूटेगा।  जालिमो तुम्हारा मंसूबा तुम्हे एक दिन लेके डूबेगा …से अपनी बात शुरू की और कहा कि न आर सी कि आढ़ में जुल्म जियत्ती कई जा रही हे उस देश में जिसकी आजादी के लिए हमने कुर्बानिय दी थी जब अग्रेज हुकूमत जुल्म ढहाने लगी तो हमारे बुजर्ग जन में कूद गए और कहाकि अब गुलामी कई जंजीरों को तोड़ कर  ही दम लेंगे , टीपू सुलतान हे थे जिन्होंने कहा था गिद्ड कई सो साला जिदगी से बेह्तर शेर कि एक दिन कि जिंदगी है, हमने ही इसे सोने कि चिडिय़ा बनाया था , हम ही से सबूत माँगा जा रहा है भारत को बांटने के लिए सीएए लाया गया है, उसके बाद एनपीआर आया है जो जो एनआर सी का चोर दरवाजा है, सरकार हमे निशान करके सता रही है कभी हमे मब्लिंचिग से सताते हे कभी तीन तलाक़ के जरीये, कभी सीएए, एनआरसी, एनपीआर, कभी शर्यत के नाम पर कभी मस्जिदों को तोडा जा रहा है कुल मिलाकर जुल्मो सितम हम पर ही ढाए जा रहे है।

छात्रा वरदह बेग ने कहा कि यह लोग पुरे देश में एन आर सी लागु करना चाहते है जैसी कई इन्होने आसाम में लागू कि और एनआरसी के जरिये घुसपैठियें को बहार करना चाहते है, फिर उनको वापस लाना चाहते है, आखिर उन लोगो को बचना भी तो है और हम लोगो को परेशान रखना चाहते हैै, यह कानून भारत के नागरिको में भेद भाव करता है, इसके बाद भी हमे परेशान करने की नियत से जनसंख्या नियंत्रण कानून, यूनीफोर्म सिविल कोर्ट आएगा, इस तरहा के कानून आते रहेंगे हमारी लड़ाई सिर्फ कानून ख़त्म करने से ख़त्म नही हो, बल्कि जब तक जरी रहेगी कि इस देश में जितना सुरक्षित दुसरे धर्म के लोग करते है हमे भी महसूस हो, हमे द्वितीय दर्जे का नागरिक न समझे। इस अवसर पर बाहर से आई तीनो छात्राओ का धन्यवाद मजहर आलम एडवोकेट ने किया।

मोती बाग धरने में ं वक्फ सदर मतीन मिजऱ्ा, सलीमुद्दीन खान, कलीम अहमद, सरताज वकील, मुमताज राही जाकिर सना एडवोकेट रईस अहमद, अब्दुल लतीफ,  आसीम पठान, निजामुद्दीन,अब्दुल कादिर आदि मौजूद थे। मंच का संचालन कहकशा, ,उमर जहा ने किया। मोती बाग सत्याग्रह की प्व्यवस्था को स्वयंसेवक कार्यकर्ता इतनी अच्छी तरहा से सम्भाल रहे है कि सरकारी व्यवस्थाए भी फेल हरे चाहे पार्किंग का काम हो साफ सफाई का हो ।

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