टोंक । टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कृषि विभाग के अधिकारियों एवं बीमा कम्पनी के अधिकारियों पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बड़ा घपला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि खरीफ 2021 एवं रबी 2021-22 की फसल खराबे की रिपोर्ट के बाद भी एक नए पैसे का भुगतान नही किया है और किसानों के फसल खराब होने के लिए केन्द्र, राज्य सरकार सहित किसानों ने करोड़ो रुपए बीमा के बीमा कम्पनी को जमा कराएं है। उन्होंने इस पर नाराजगी प्रकट करते हुए चेतावनी दी कि यदि 10 दिवस में जिले के बीमित किसानों को उनके फसल खराबे का भुगतान नही किया गया तो किसानों द्वारा जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया सांसद कार्यालय में शनिवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सवाईमाधोपुर की दिशा बैठक में घपले का मामला सामने आने पर उन्होंने टोंक जिले के कृषि उपनिदेशक से बुलाकर वार्ता की और मामले की जानकारी ली, जिसमें खरीफ फसल 2021 एवं रबी 2021-22 में बीमित किसानों को किसी तरह का भुगतान करने सामने नही आया है। इस मामले में जिले के सभी तहसीलदारों, जिला कलेक्टर से वार्ता की गई तो वहां से फसल की रिपोर्ट भेज दी गई है, परन्तु कृषि विभाग के अधिकारियों व बीमा कम्पनी एचडीएचसी एर्गो की अधिकारियों की मिलीभगत से किसानोंं के बीमे की राशि का घपला नजर आ रहा है।
सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया टोंक व सवाई माधोपुर ने बताया कि विगत वर्ष में खरीफ की फसल टोंक जिलेें में लगभग – लगभग कई जगह खराब हो गई थी, विशेष रूप से उनियारा ब्लॉक में उडद की फसल पूरी तरह से खराब हो गई थी। उसके बावजूद अभी तक भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् बीमित किसानों को उनकी खराब फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है। इस सम्बन्ध में सांसद जौनापुरिया ने 19 अप्रेल, 2022 को बीमा कम्पनी के जिला स्तरीय अधिकारी और राधेश्याम मीणा, उप निदेषक कृषि विस्तार, टोंक व शुगर सिंह मीणा, सहायक निदेषक, कृषि सांख्यिकीय विभाग, टोंक को सांसद कार्यालय टोंक में बुलाकर, खरीफ 2021 व रबी 2021-22 के मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं पर नाराजगी जाहिर की और उनसे भुगतान में हो रहे विलम्ब का कारण पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
सांसद जौनापुरिया ने जिला कलेक्टर टोंक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर टोंक को उक्त प्रकरण से अवगत करवाय और कृषि विभाग और बीमा कम्पनी के अधिकारियों से बात कर उन्हें आगाह किया कि फसल खराबें के मुआवजे की राषि का भुगतान सीधे किसानों के खाते में 10 दिन में नहीं करने पर एक बडा आंदोलन किया जाऐगा। उन्होंने कहा कि मेरे किसान ने खून पसीने की गाढी कमाई से बीमा कम्पनी को लगभग 26 करोड रु. और केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से लगभग 172 करोड रु. राशि का प्रीमियम बीमा कम्पनी को दिया गया।
परन्तु अभी तक भी संसदीय क्षेत्र के किसानों के खातें में फसल खराबे के मुआवजे की राशि को ट्रांसफर नहीं किया गया। सांसद जौनापुरिया ने कहा कि बीमा कम्पनी के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री फल बीमा योजना का प्रचार – प्रसार नहीं किया जाता हैं जबकि प्रत्येक गांव व ढाणी तक इस योजना का व्यापक प्रचार – प्रसार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहाकि जिन किसानों की केसीसी है और उनको फफसल बीमा नहीं करवाना है तो उनकों सम्बन्धित बैंक को लिखित में यह सूचना देनी होगी की उसे बीमा नहीं करवाना हैं वरना उसके बैंक खाते से मुआवजे की राषि बीमा कम्पनी के द्वारा ले ली जाऐगी। परन्तु इस शर्त की जानकारी प्रचार – प्रसार के अभाव में प्रत्येक किसान को नहीं होने से अनिवार्य रूप से उसके बैंक खाते से बीमा प्रीमियम की राशि काट ली जाती हैं। जिला व ब्लॉक स्तर पर बीमा कम्पनी के कर्मचारी केवल कागजों में की कार्य करते हैं, धरातल पर नहीं।
जबकि देश के माननीय प्रधानमंत्री ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, इस योजना को खरीफ 2016 से पूरे देश में लागू किया था जिससे प्रत्येक पीडित किसान को इन योजना से लाभांवित किया जा सकें, परन्तु कृषि अधिकारियों व बीमा कम्पनी की लापरवाही से उन्हें अपनी फसल के खराबें की राशि के मुआवजें को लेने में अनेक कठिनाई का सामना करना पड रहा हैं।
सांसद जौनापुरिया ने बताया कि खरीफ फसल 2021 में एचडीएफसी एर्गो के माध्यम से प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किसानों ने 10.46 करोड़ का कृषक प्रीमियम एवं राज्य सरकार ने 49.22 करोड़ एवं केन्द्र सरकार ने 49.22 करोड़ बीमे की राशि का भुगतान किया, लेकिन अभी तक कुल 4 लाख 2 हजार 238 पॉलिसी में एक रुपए का बीमे का भुगतान नही हुआ, जबकि उनियारा क्षेत्र में खरीफ फसल में नुकसान की रिपोर्ट भेजी गई है। रबी फसल 21-22 में भी कृषक प्रीमीयम राशि 15.32 करोड़, राज्य ने 36.82 करोड़ एवं केन्द्र सरकार ने 36.82 करोड़ रुपए बीमा एचडीएफसी एर्गो को जमा कराएं, मगर सीजन की फसल में कोई भुगतान नही किया है।
सांसद जौनापुरिया ने कृषि अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों की बीमा कम्पनी से मिलीभगत नजर आ रही है, जिसमें करोड़ो रुपए का बीमा कम्पनी के साथ घपला नजर आता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य के कृषि मंत्री से मिलकर मामले से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बीमा कम्पनी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जिले के पीडि़त किसानों को 10 दिवस में बीमा मुआवजा का भुगतान नही किया तो किसान आंदोलन शुरु किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व सभापति लक्ष्मी जैन, भाजपा जिला महामंत्री विष्णु शर्मा, प्रधान निवाई रामवतार लांगड़ी, बेणी प्रसाद जैन, प्रभु बाडोलिया, नीलिमा आमेरा आदि मौजूद थे।