पाटा गोह को देखकर बैरक में अफरा-तफरी
टोंक (फिरोज़ उस्मानी)। बीती शाम जिला कारागृह की महिला बैरक में करीब तीन फीट लम्बी जंगली पाटा गोह (लिजार्ट) घुस जाने से हडक़म्प मच गया। सूचना पर वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवाड़ी अपने दल बल के साथ पहुचें। पाटा गोह को सुरक्षित पकडक़र जंगल में छोड़ा। जानकारी के अनुसार गुरूवार की शाम टोंक जिला कारागृह में अचानक एक जंगली पाटा गोह घुस गई।
पाटा गोह को देखकर बैरक में अफरा-तफरी मच गई। पाटा गोह को देखकर महिला बंदी घबरा गई। महिला बंदियों ने इसकी जानकारी जेल प्रहरियों को दी। जेल प्रहरियों ने कड़ी मश्क्कत के बाद पाटा गोह को एक कट्टें में पकड़ कर बंद किया। वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवाड़ी को सूचना दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुचें मनोज तिवाड़ी व सेव दी स्नैक टीम के सदस्य विजय दलाल ने पाटा गोह को अपने संरक्षण में लिया। बाद में उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया।
मनोज तिवाड़ी ने बताया कि पकड़ी गई पाटा गोह मादा थी व गर्भवती थी । इन दिनों पाटा गोह का प्रजनन काल चल रहा है। कुछ दिनों के भीतर उनके द्वारा अंडा निषेचन की प्रक्रिया किसी बिल में या फिर सुरक्षित स्थान पर पूर्ण कर ली जायेगी।
पाटा गोह व गोहेरे को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैली है,
वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवाड़ी ने बताया कि पाटा गोह व गोहेरे को लेकर लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली है, जो सरासर गलत है। वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर
वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सरीसृप की ये प्रजाति पूर्णतया विषहीन होती है लेकिन इसमें संक्रमण फैलाने वाले बैक्टरिया बैहद सक्रिय होते हैं ।
भारत में पाटा गोह की कुछ 6 प्रजातियां अब तक मिल चूकी है । हांलाकि इनको लुप्तप्राय: वन्यजीवों की सूची में शामिल किया हुआ है ।