राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन ‘‘पर ड्रोप मोर क्रॉप‘‘ के तहत ड्रिप, मिनी एवं फव्वारा संयत्रों पर 75 प्रतिशत तक किसानों को मिलेगा अनुदान

Sameer Ur Rehman
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टोंक। राज्य में सीमित सिंचाई जल संसाधन एवं इसके दक्षतम उपयोग के महत्व के मध्यनजर राज्य सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य बजट वर्ष 2022-23 के तहत राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन की घोषणा करते हुए आगामी तीन वर्षो के दौरान राज्य के चार लाख किसानों को 1705.00 करोड रूपये की अनुदान सहायता से सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित किये जाने के प्रस्तावित किये गये है।

सहायक निदेशक उद्यान ने बताया कि फसलों में सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई संयत्र यथा ड्रिप, मिनी स्प्रींकलर एवं फव्वारा संयत्रों का उपयोग कर प्रयुक्त जल की प्रत्येक बून्द का समुचित उपयोग करते हुये जल बचत, फसल उत्पादन लागत में कमी, उत्पादन व उत्पादन की गुणवत्ता में बढोतरी एवं घुलनशील उर्वरकों का भी समुचित उपयोग के मध्यनजर ड्रिप सिंचाई प्रणाली वर्तमान समय की आवश्यकता है। इसके साथ स्वचालक तकनीक (ऑटोमशन) के माध्यम से इस प्रणाली की दक्षता एवं नई तकनीक के समन्वय से नये आयाम स्थापित किये जा सकते है।

राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन ‘‘पर ड्रोप मोर क्रॉप ;च्क्डब्द्ध‘‘ योजनान्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत वर्ष 2022-23 में जिले को ड्रिप व मिनी सिंचाई संयंत्र के लिए 891 हेक्टेयर एवं फव्वारा संयत्रों की स्थापना के लिए 2542 हेक्टेयर क्षेत्र के लक्ष्य प्राप्त हुए है। योजना का मुख्य उद्देश्य सिंचाई जल का समुचित एवं दक्षतम उपयोग सुनिश्चित किया जाकर राज्य की वर्तमान सिंचाई दक्षता में प्रभावी वृद्धि किया जाना है।

योजना के तहत ड्रिप, मिनी स्प्रींकलर एवं फव्वारा संयत्रों पर लघु, सीमान्त, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला कृषकों को 75 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों के लिए 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए इच्छुक कृषक ’’राज किसान साथी पोर्टल’’ के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। ऑनलाइन आवेदन के समय जनाधार, आधार कार्ड, भूमि की नवीनतम जमाबन्दी, सिंचाई जल स्रोत का प्रमाण, पंजीकृत निर्माता या अधिकृत डीलर का कोटेशन, मिट्टी, पानी की जाँच रिपोर्ट आदि दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए कृषक नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी एवं नजदीकी कृषि एवं उद्यानिकी कार्यालय में सम्पर्क कर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अनुदान की पात्रता

ऽ कृषको को फव्वारा/ड्रिप संयंत्र पर अनुदान नकद या बैंक से ऋण लेकर क्रय करने पर दोनो ही स्थिति में देय है।
ऽ जिन कृषको के नाम पर भूमि का स्वामित्व है तथा कुऐं, नलकूप या अन्य जल स्त्रोत पर विद्युत/डीजल/सौर ऊर्जा पम्प/टेक्टर चलित पम्प सेट है वे अनुदान के पात्र हैं।  जिस लाभार्थी के पास स्वंय का जल स्त्रो नहीं है, तब पडोसी लाभार्थी से

सिंचाई के स्रोत की साझेदारी हेतु जल करार प्रस्तुत करना होगा।

 सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रो पर न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 5 हेक्टेयर तक प्रति लाभार्थी अनुुदान का लाभ ले सकता है।
 जिन कृषको ने सूक्ष्म सिंचाई के लिए राज्य/केन्द्रीय अनुदान लाभ 5 हैक्टेयर की सीमा में पहले ही ले लिया है वह उसी भूमि पर सिंचाई प्रणाली की अनुमानित आयु 7 वर्ष की समाप्ति के बाद पुनः अनुदान प्राप्त कर सकता है।
ऽ कृषक/संस्थान जिन्होंने लीज/अनुबंध पर कृषि के लिए भूमि ली है, वे भी ऐसी भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापना के लिए लीज एग्रीमेन्ट जो कम से कम 7 वर्ष के लिए होना आवश्यक है, अनुदान के लिए पात्र हैं।

  सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत समस्त पत्रावलियां ’’राजकिसान साथी पोर्टल’’ पर ऑनलाइन प्राप्त की जाकर उनका निस्तारण ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से सम्पन्न किया जाकर कृषको को अनुदान का लाभ दिया जावेगा।  

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/