टोंक मैं अवैध रूप से चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग सेंटर बने आमजन के लिए मुसीबत

liyaquat Ali
5 Min Read

 

कोचिंग संस्थानों की मजाल तो देखो: आॅपन यूनिवर्सिटी तक संचालित कर ली

 

आज तक नहीं चला जिला प्रशासन का डंडा

टोंक। जिला मुख्यालय पर शहर के रिहायशी व मुख्य बाजार क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग सेंटर आम लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे है, जिले में संचालित अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आज तक जिला प्रशासन का डंडा नहीं चला है। इन अवैध कोचिंग संस्थानों की मजाल तो देखो, इन्होंने आॅपन यूनिवर्सिटी तक संचालित कर ली है, जो कक्षा 9 से 12 एवं कॉलेज तक की शिक्षा

बेधड़क देने में लगे है।

मजेवाली बात तो यह है कि जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की नाक के नीचे जिला हैड क्वार्टर पर अवैध कोचिंग सेंटर संचालित होते है, जिनके पास ना तो स्वयं का भ वन है, ना पार्किंग स्थल और ना ही सुरक्षा इंतेजाम है। बावजूद इसके लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग स्थानीय निकाय तक पूर्व में कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्यवाही नही कर पाएं है, जिससे साफ जाहिर होता है कि कही ना कही दाल में काला है। जिसके चलते अवैध कोचिंग संस्था का अवैध कारोबार जिला मुख्यालय के साथ ही तहसील स्तर पर ही अपने पैर पसारने में लगा है।

टोंक शहर में रिहायशी क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर आम लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। न तो इनका पंजीयन है और न ही इन्हें खोलने के लिए कोई स्थान सुनिश्चित किया गया है। यह कोचिंग संचालक विद्यार्थियों व अभिभावक कों से मनमानी फीस वसूलते हैं। जबकि इन्होंने कोचिंग सेंटर संचालित करने के लिए संस्थान का पंजीयन तक नहीं कराया है। कोचिंग सेंटर पर वाहन खड़े के लिए पार्किंग व्यवस्था भी नहीं है। रिहायशी कॉलोनियों में संचालित कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों को लोग समझ नहीं पाते कि यह छात्र हैं या कोई और। जिससे इन क्षेत्रो में माहौल बिगड़ने की सम्भावना रहती है।

खास बात यह है कि कोई शासकीय शिक्षक बालको को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता, लेकिन शहर के अधिकांश शासकीय शिक्षक इन कोचिंग संस्थानों पर बेधड़क क्लासें लेते नजर आते है। शहर में घंटाघर, बड़ा कुंआ, सिविल लाईन क्षेत्र, शास्त्री नगर, छावनी, डिपो आदि कई स्थानों पर कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। जिनके पास रजिस्ट्रेशन है कि नहीं, जिसका कोई जवाब शिक्षा विभाग के पास नहीं है। नियमानुसार रिहायशी क्षेत्र में पार्किंग एवं पर्याप्त जगह की व्यवस्था के बगैर संचालक कोचिंग सेंटर नहीं चला सकते। लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण कोचिंग सेंटर के संचालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कोचिंग सेंटरों पर आने वाले छात्र मुख्य सड़क पर अपने वाहन खड़े कर देते हैं, इससे स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को सड़क पर चलने में परेशानी हो रही है।

नहीं हैं सुविधाएं

शहर में जितने भी कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, वह छात्र-छात्राओं से मनमाफिक मोटी फीस तो लेती हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ सुविधाओं नहीं देते। एक बड़े हाल में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को बैठाकर पढ़ाया जाता है। जहां पर छात्राओं को घंटों बैठे रहने के बाद भी न तो कूलर पंखों की व्यवस्था होती है और न ही शुद्ध पेयजल की और न ही पार्किंग की। शहर में अवैध कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं, इन सेंटरों के बार वाहनों के खडे होने से जाम के हालात बनते हैं। दूसरी ओर आड़ की आड़ में कुछ शरारती तत्व छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें भी करते हैं।

इनका कहना है आयुक्त

इस संबंध में नगर परिषद आयुक्त सीमा चौधरी का कहना है कि टोंक शहर के कहाँ कोचिंग सेटर संचालित और रजिस्ट्रेशन है ना नही, उनके पास अभी जानकारी नही है, जानकारी कर मालूम करती हूँ, यदि ऐसा है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *