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Tonk: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी इंटर लॉकिंग टाईल्स में विभाग की आंखें बंद - Dainik Reporters

Tonk: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी इंटर लॉकिंग टाईल्स में विभाग की आंखें बंद

Sameer Ur Rehman
4 Min Read

 

टोंक। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से शहर में सडक़ निर्माण के साथ कराए गए  इंटर लॉकिंग टाईल्स के भ्रष्टाचार में अभियंताओं ने नजर फेर ली है। निर्माण के महज दो महीने बाद ही जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही  इंटर लॉकिंग टाईल्स पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चुप्पी साध ली है।

इससे जाहिर हो रहा है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से शहर में कराए गए सभी कार्य में गड़बड़ है। इसकी जांच की जाए तो सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं की देखरेख और जांच लैब तक की भी पोल खुल सकती है।

लगातार शिकायत के बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग आंख बंद किए बैठा है। इससे साफ है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के कनिष्ठ से लेकर अधीक्षण अभियंता की निर्माण करने वाले सम्बन्धित फर्म पर मेहरबानी है। तभी तो विभाग की ओर से गड़बड़ पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

मामला शहर के पोस इलका सिविल लाइन से रोडवेज डिपो मार्ग का है। जहां हाल ही में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने करीब दो करोड़ रुपए की लागत से सडक़ के दोनों ओर इंटर लॉकिंग टाइल्स लगवाई है। अभी इंटर लॉकिंग टाइल्स किए महज दो महीने ही हुए हैं कि यह कई जगह से बैठ गई।

बैठने का बड़ा कारण लापरवाही और गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं करना है। सिविल इंजीनियर के मुताबिक सडक़ व इंटर लॉकिंग टाइल्स निर्माण से पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग जीशीड्यूल तैयार करता है। इसमें तय होता है कि निर्माण कैसे और किस सामग्री के साथ किया जाएगा। इंटरलोकिंग में भी मापदंड तय है।

मापदंड को देखा तक नहीं अभियंताओं ने

सिविल लाइन से रोडवेज डिपो की ओर किए गए इंटर लॉकिंग टाइल्स कार्य की जांच सार्वजनिक निर्माण विभाग ने नहीं की। जहां निर्माण कार्य कर रही फर्म को लगा कि प्रभावशाली लोग रहते हैं। वहां फर्म ने इंटरलोकिंग से पहले तय मापदंड के मुताबिक खुदाई कराई।

इसमें पहले गिट्टी की पहली लेयर बिछाई। फिर उस पर नियम मुताबिक रोलर चलाया। इसके बाद सैकेेंड लेयर डाली गई और फिर से रोलर चलाया। इसके बाद इंटर लॉकिंग टाइल्स की गईए लेकिन अधिकांश जगह महज एक से डेढ़ फीट की खुदाई की और बजरी डालकर सीधे इंटरलोकिंग कर दी गई।

इस लिए जमीन में धंस गई इंटर लॉकिंग टाईल्स

तय मापदंड के मुताबिक इंटर लॉकिंग टाइल्स नहीं करने का नतीजा यह हुआ कि महज तीन महीने में ही सेंट सोल्जर स्कूल के सामने ताल कटोरा चौराहा के समीप दुकानों के बाहर इंटर लॉकिंग टाइल्स जमीन में धंस गई। जबकि अभी तक वहां से भारी वाहन भी नहीं गुजरे हैं। हल्के वाहनों की दबाव भी इंटरलोकिंग सहन नहीं कर पाई।

जांच पर खुलेगा भ्रष्टाचार

इंटरलोकिंग कार्य में लगाई गई टाइल्स भी गुणवत्ता की जांच के कटघरे में है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यालय के सामने हिमालय बेकरी के सामने तो हद ही कर दी। यहां महज सडक़ किनारे झाडू लगाई और बजरी डालकर इंटर लॉकिंग टाइल्स कर दी गई।

इनसब की जांच की तो टोंक में भी भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आएगा। मामले में अधिकारी भले ही गुणवत्ता का दावा कर रहे हैं। लेकिन जांच की जाए तो उनके दावे खोखले साबित होंगे।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/