Tonk। राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को उनियारा पँचायत समिति में प्रधानमंत्री आवास योजना का काम कर रहे कम्प्यूटर आपरेटर की सेवा कोविड 19 के कारण कम कार्य होने के चलते समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए, राज्य के प्रमुख ग्रामीण विकास और पँचायत राज सचिव, टोंक जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पँचायत समिति उनियारा के विकास अधिकारी सहित अन्य को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है ।
न्यायाधीश अशोक कुमार गोड़ की एकलपीठ ने यह आदेश उनियारा निवासी कुलदीप पारीक द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दिए है ।
याचिका में बताया गया था कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा 15 सितम्बर 2020 को प्रधानमंत्री आवास योजना में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर की गई थी ,किंतु 5 मई 2021 को विकास अधिकारी ,उनियारा ने आदेश जारी कर उसकी सेवाएं यह कहते हुए समाप्त कर दी कि कोविड 19 के चलते वर्तमान में कार्यालय में कार्य कम है
जिसे याचिका में यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि कोविड 19 के चलते सभी सरकारी कार्यालयों में कार्य कम है ऐसे में याचिकाकर्ता की सेवाएं समाप्त करने का आदेश अवैधानिक है ।