टोंक । सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बजरी खनन पर रोक के बावजूद बजरी की काली बाजारी रोकने का नाम नही ले रही है । गौरतलब है 16 नवंबर2017 को सुप्रीम के कोर्ट के आदेश से अवैध खनन पर रोक लगाई थी । रोक के बाद भी बजरी खनन माफिया खूब खनन करवा रहे थे । पिछले कुछ दिनों से पुलिस अवैध खनन पर कार्यवाही करने लगी है । आज सदर थानाधिकारी जगदीश मीणा के नेतृत्व मैं गठित टीम मैं हैड कांस्टेबल
बन्नालाल, प्रेमनारायण, गिर्राज, आत्माराम के साथ कांस्टेबल हनुमान, संजय, दयाराम, मुकेश व खुशीराम की टीम ने सोलंगपुरा से मोलाईपुरा क्षेत्र में बजरी से भरे तीन ट्रेक्टर जब्त किए। जबकि एक अन्य ट्रेक्टर लावारिस हालात में मिलने पर पुलिस ने जब्त किया। वही दूसरी ओर सरवराबाद बनास नदी क्षेत्र में लीज होल्डर द्वारा बनवाई सडक पर परिवहन करते हुए बजरी से भरे दो भरे ट्रेक्टर पुलिस टीम ने जब्त किए। वही से नदी क्षेत्र में 4 अन्य ट्रेक्टर लावारिस हालत में मिलने पर उन्हे भी पुलिस टीम नें जब्त कर सदर थानें मे खडा करवाया। विदित रहे सुप्रीम कोर्ट की आदेश के बावजूद बनास नदी क्षेत्र में कई जगहों पर चोरी-छूपे बजरी के अवैध दोहन की शिकायत पुलिस को मिल रही थी।
जिसपर कार्यवाही करते हुए सोमवार को सदर थाना पुलिस ने अलग-अलग क्षेत्र सें पांच भरे ट्रेक्टर एवं लावारिस हालत में मिले पांच खाली ट्रेक्टर जब्त किए। थानाधिकारी जगदीश मीणा ने बताया आगे भी अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।
सवाल यह कि क्या पुलिस कोर्ट के आदेशों की पालना करेंगी
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि कृषि भूमि पर शॉर्ट टर्म परमिट जारी नहीं करें।हाईकोर्ट ने राज्य में नदी किनारों की कृषि भूमि पर पुर्नभरण का वैज्ञानिक अध्ययन हुए बिना बजरी खनन करने पर पाबंदी लगा दी है। अदालत ने सरकार को कलेक्टर को एसआईटी गठित करके निर्माण में बजरी का उपयोग करने वाली साईट पर दबिश देने,बिल्डर पर जुर्माना लगाने और बजरी की कालाबाजारी रोकने की जिम्मेदारी संबंधित थाने के इंचार्ज को देने के निर्देश देने को भी कहा है। गौरतलब है की राजस्थान सरकार राज्य में कृषि भूमि पर बजरी के खनन के लिए लीज और शार्ट टर्म परमिट दे रही थी ।
वन व पर्यावरण मंत्रालय की 15 जनवरी,2016 की अधिसूचना और सुप्रीम कोर्ट के 16 नवंबर,2017 के आदेश के अनुसार नदी के पास वाली कृषि भूमि पर पुर्नभरण का वैज्ञानिक अध्ययन हुए बिना खनन नहीं किया जा सकता।