टोंक रियासत के इतिहास विषय पर विस्तार भाषण दिया प्रो.हबीब अहमद ने

liyaquat Ali
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अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में कोरोना जागरूकता अभियान व 150वीें गांधी जयन्ती एवं टोंक रियासत की दो सौ साला जश्न श्रृंखला के अन्र्तगत टोंक रियासत के इतिहास विषय पर विस्तार भाषण देते हबीब अहमद।

Tonk News । अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में कोरोना जागरूकता अभियान व 150वीें गांधी जयन्ती एवं टोंक रियासत की दो सौ साला जश्न श्रृंखला के अन्र्तगत टोंक रियासत के इतिहास विषय पर विस्तार भाषण आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि फॉर्मर एसोसिएट प्रोफेसर, साइकोलॉजी ज़ाकिर हुसैन कॉलेज यूनिवर्सिटी ऑफ देहली हबीब अहमद थे एंव अध्यक्षता संस्थान के संस्थापक निदेशक शौक़त अली खान ने की।

समारोह का प्रारम्भ सैयद आरिफ अली द्वारा तिलावते कलामुल्ला से किया गया तथा नाअत शरीफ मोहम्मद आबिद अली खान ‘आकि़ल‘ ने पढी। प्रोफेसर हबीब अहमद ने अपने विस्तार भाषण में टोंक रियासत का इतिहास ‘‘वक्त के धारे में धीरे धीरे कोई चीज़ खत्म हो गई‘‘ के बारे में विस्तार से बताया एवं रियासत के इतिहास के शोध के अन्तर्गत उन्होंने रियासत के सिक्कों के बारे में भी समझाया। प्रोफेसर हबीब ने कहा कि टोंक रियासत की स्थापना 1798 में हो गई थी। नवाब अमीर खान पिण्डारी नहीं थे। टोंक रियासत की संधि के बारे में विस्तार से वर्णन किया।

उन्होंने नेशनल आर्कइव्ज़ और ब्रिटिश लाईब्रेरी लंदन के दस्तावेज़ों के आधार पर टोंक के इतिहास पर प्रकाश डाला। संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने कहा कि श्री ज्वाला सहाय की पुस्तक   ‘‘वक़ाए राजपुताना‘‘ में इस बात का वर्णन है कि नवाब अमीर खान पिण्डारी नहीं थे। प्रोफेसर हबीब साहब ने मूल स्त्रोत से टोंक के इतिहास का वर्णन किया है। जो सराहनीय हैं। इतिहास शोध से आगे बढ़ता रहता हैं।

इसके अतिरिक्त महात्मा गांधी के 150वी जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम अंतर्गत प्रख्यात गांधीवादी एस0एन0 सुब्बराव द्वारा ’’बात गांधी के मूल्यों की’’ ऑन लाईन लेक्चर आयोजित किया गया। संस्थान में दो सौ साला जश्न के अन्तर्गत और भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिसमें टोंक के इतिहासकारों के विस्तार भाषण कराये जायेंगें प्रख्यात गांधीवादी विचारकों के विस्तार भाषण आयोजित किये जायेंगें। हमने  टोंक का इतिहास ‘‘अमीरनामा‘‘ का अनुवाद उर्दू में करा दिया है।

उपरोक्त आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब, कला, साहित्य, संस्कृति एंव पुरातत्व विभाग मंत्री बी0डी0 कल्ला, प्रमुख शासन सचिव कला, साहित्य, संस्कृति एंव पुरातत्व विभाग श्रीमति श्रेया गुहा तथा शासन उप सचिव, कला, साहित्य, संस्कृति एंव पुरातत्व विभाग श्रीमति बिन्दु करूणाकर द्वारा दिये गये विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

संस्थान के संस्थापक निदेशक शौक़त अली ख़ान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में टोंक के इतिहास पर विस्तृत जानकारी दी और कहा ‘‘अमीरनामा‘‘, ‘‘गुलज़ारे इब्राहिम‘‘, ‘‘तारीख ए अहमदी‘‘ भी टोंक रियासत के इतिहास के प्रमाणिक स्त्रोत माने जाते है। टोंक रियासत के नवाबों के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला। कहा कि नवाब अमीर खां पिण्डारी नहीें थे। अंत में संस्थान निदेशक डॉ0 सौलत अली ख़ान ने कहा कि इसी श्रृंखला में और भी कई लेक्चर होंगे। संस्थान उपरोक्त कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। अंत में विशिष्ट अतिथि एवं सभी का शुक्रिया अदा किया।

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