देवली के चारनेट ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों पर मृतकों के मस्टरोल में नाम लिखकर फर्जी भुगतान उठाने का मामला सामने आया

Sameer Ur Rehman
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Tonk Hindi News:

टोंक जिले कि पंचायत समिति देवली  के चारनेट ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों पर मृतकों के मस्टरोल में नाम लिखकर फर्जी भुगतान उठाने का मामला दुसरी बार फिर प्रकाश में आया है। इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत चारनेट के पांच वार्ड पंचो ने जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद टोंक को ज्ञापन प्रस्तुत कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

पंचों द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि चारनेट ग्राम पंचायत के कोटड़ा ग्राम में किशन गोपाल उर्फ कृष्ण गोपाल की मृत्यु 21 फरवरी 2022 को हो चुकी है लेकिन सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी ने मेट से मिलीभगत कर मृतक किशन गोपाल उर्फ कृष्ण गोपाल का नाम कार्य कोटड़ा-तेजाजी के मंदिर से केदारा की ओर ग्रेवल सडक़ मय रपटा निर्माण की मस्टरोल संख्या5686 के क्रम संख्या 5 पर लिख कर 12 मई 2022 से 26 मई 2022 तक 13 दिनों का भुगतान प्रतिदिन 204 रुपए के हिसाब से कुल 2652 रुपए 8 जून 2022 को बैंक से उठा लिए गए हैं।

जबकि ग्राम पंचायत चारनेट के जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार पंजीयन रजिस्ट्रीकरण संख्या:08120007880022100012/22 पर किशन गोपाल पुत्र नैनू लाल जाट का नाम कृष्ण गोपाल पुत्र नैनू लाल के नाम से मृतक के रूप में दर्ज है और वास्तव में कार्य से पहले ही उसकी मौत भी हो चुकी है। वार्ड पंचों ने आरोप लगाया है कि पूर्व में भी मनरेगा मे चले कार्य मुख्य मार्ग गुराई से बालाजी होते हुए अर्जुनलाल के खेत तक ग्रेवल सडक़ मय रपटा निर्माण पर मृतका लादी देवी पत्नी जगदीश मीणा निवासी स्यालासुखपुरा का 25 जून 2021 से 9 जुलाई 2021 तक मस्टरोल संख्या 5932  मे नाम लिखकर 13 दिवसों के 2834 रुपए का फर्जी भुगतान उठवा कर सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी तथा मेट ने सरकारी राशि का गबन करवाने में सहयोग प्रदान कर अपने पदों का दुरुपयोग किया है। 

जिसकी जांच के लिए वार्ड पंचों ने सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग कर सरकारी धन की चोरी कर घोर अनियमितता की जांच की मांग 31 अगस्त 2021 को भी की गई थी। शिकायत में वार्ड पंचों ने ग्राम पंचायत के सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी अधिकारी एवं मेट द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए बिना कार्यकरवाए राशि उठाने, निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग करने, मृतकों के नाम से राशि उठाने, स्वीकृत कार्यों के स्थान पर अन्य स्थान पर कार्य दिखाकर राशि का गबन करने, पंचायत बैठक नहीं करने जैसे आरोप लगाया थे। 

जिसके बाद में प्रमुख परियोजना अधिकारी लेखा जिला परिषद ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ टोंक ने फर्जी  भुगतान उठाने को गंभीर अनियमितता होना पाया गया था। तथा इसके लिए सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, मेट, ग्राम पंचायत चारनेट को उत्तरदाई ठहराया गया था। लेकिन सरपंच पर बड़े राजनीतिक जनप्रतिनिधि के आशीर्वाद के चलते संबंधित अधिकारी द्वारा कार्रवाई करने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 

जिसके चलते सरपंच ग्राम पंचायत चारनेट निरंकुश होकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मस्टररोल में आए दिन मृतकों के नाम लिखकर व बिना कार्य करवाएं कार्य की राशि उठाकर सरकारी राशि का गबन करने के प्रति उत्साहित है और इस पर भी अधिकारी मौन है। वार्ड पंचों ने अपनी शिकायत के साथ प्रमाण स्वरूप मृत्यु प्रमाणपत्र, मस्टरोल, जन आधार कार्ड, जॉब कार्ड समेत आवश्यक दस्तावेज भी लगाए हैं। ज्ञापन देने वालों में वार्ड पंचो मे मुकेश गुर्जर , हरिराम मीणा,  जितेन्द्र मीणा, रामप्यारी और सुमन शामिल है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/