Tonk: ज़िला प्रशासन की लापरवाही, 23 शिक्षक बिना वेतन व पदस्थापन के अन्य स्कूलों में दे रहे है उपस्थिति, दो माह पदस्थापन की प्रतीक्षा में शिक्षक 

Firoz Usmani
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 टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)। राजस्थान सरकार शिक्षा में नए आयाम स्थापित कर रही है। कई योजनाओं से शिक्षा को बढ़ावा देकर लाभ दिया जा रहा है, वही दूसरी और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते धरातल में इसका लाभ नही मिल पा रहा है, टोंक में भी इन दिनों ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है, शिक्षा विभाग के साथ ज़िला प्रशासन भी 23 शिक्षकों के पदस्थापन के मामले में मौन साधे है, जिसके चलते शिक्षकों का दो माह का वेतन भी अटका हुआ है।

दरअसल सरकार के आदेशानुसार ज़िलें के कई सरकारी स्कूलों को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालयों में तब्दील किया गया, इन विधालयों से अधिशेष हुए शिक्षकों को अग्रिम आदेशों की प्रतीक्षा में अन्य स्कूलों में लगा दिया गया था, इसके बाद इनको पद स्थापन देने के लिए दो बार काउंसलिंग भी करा दी गई है, जिसमें अधिशेष शिक्षकों को पोस्ट के अनुसार स्कूल आवंटित कर दिए गए है, बावजूद इसके आवंटित हुए स्कूलों में 23 शिक्षकों को पदस्थापन नही दिया जा रहा है।

जिसके चलते शिक्षकों का वेतन भी नही बन पा रहा है, अब दो माह बीतने पर है लेकिन शिक्षकों को आवंटित हुए स्कूलों में पदस्थापन नही दिया जा रहा है। पूरे मामले में शिक्षा विभाग के पास कोई संतोषजनक जवाब नही है। 

 दो बार हो चुकी काउंसलिंग

वही दो बार काउंसलिंग के बाद डीसी की बैठक मे शिक्षकों को आवंटित हुए स्कूलों की मंजूरी भी दे दी गई है, लेकिन अध्यक्ष व मेम्बर इसमें रुझान नही दिखा रहे है, ज़िला प्रशासन भी इस समस्या से निजात नही दिला पा रहा है।

जिसके चलते 23 शिक्षक अन्य स्कूलों में अपनी उपस्थिति देने पर मजबूर है।

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।