Tonk News । संयुक्त श्रमिक संंगठन टोंक ने श्रमिकों व मजदूरों की कोरोना महामारी में समस्याओं को लेकर 12 सूत्रीय मांगों को ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को दिया।
सीटू जिलाध्यक्ष अख्तर जंग, कल्याण समिति रोडवेज से रशीद मोहम्मद, रोड़वेज फैडरेशन अध्यक्ष अशफाक मोहम्मद, यूथ इंटक जिलाध्यक्ष मिर्जा उमर खान, इंटक जिलाध्यक्ष उम्मेेद गोमे, महामंत्री अब्दुल लतीफ आदि ने दिए ज्ञापन में बताया कि केन्द्र सरकार ने अपने 100 दिन के शासन काल में ही 44 या कानूनो को देश के नैममिक औधोगिक घरानो, पूजीपति मालिको के पक्ष में बदलने का काम शुरू किया था, वैजकोड बिल पारित करके मजदूर वर्ग पर बड़ा हमला बोला था।
केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को शोषण की छूट देने और मुनाफे की लूट को बढाने के लिये पुरे देश में श्रम कानूनों के निरीक्षण पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया है और संसद में पारित ई.एस.आई व पी. एफ, जैसे श्रमिको के सामाजिक सुरक्षा संस्थानो को में कमजोर करना चाहती है।
केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश में विकास दर गिरती जा रही है और बेरोजगारी एंव मंहगाई तेजी से बढ़ रही है, जिसका विपरीत असर मजदूर किसान और आम गरीब मेहनतकश जनता पर पड़ रहा है। इन हालातो में कोरोना महामारी व अचानक चार घंटे के नोटिस पर किए गए लॉकडाउन ने मजदूरो को भूखों मरने पर मजबूर कर दिया। केन्द्र व राज्य सरकार ने घोषणा तो यह कि थी किसी मजदूर को नौकरी से नही निकाला जाएगा।
लॉकडाउन में पूरा वेतन मिलेगा और किराये पर रहने वाले मजदूरो से किराया नही लिया जाएगा। लेकिन इन घोषणाओं को अधिकांश पूंजीपति मालिकों ने नही माना और 17 मई 2020 को तो केन्द्र सरकार ने अपनी इस घोषणा को वापस ले लिया।