Tonk news (फ़िरोज़ उस्मानी)। जेल में अगर आपको घर जैसी सुविधा चाहिए तो वो भी मिलेगी, बस आपकी जेब मे पैसा होना चाहिए। अच्छे भोजन से लेकर आप अपने हर शौक पूरे कर सकते है। टोंक जेल में भी ऐसा हो गैर कानूनी चालू है, सजायाफ्ता कैदियों व जेल प्रशासन की मिलीभगत से जेल में आने वाले नए बंदियों से सुविधाओं के नाम पर रकम ली जा रही है।
पैसा नही देने पर ऐसे बंदियों को प्रताड़ित भी किया जाता है। ऐसा ही आरोप लगा है टोंक जेल प्रशासन पर भी। टोंक जेल में बंद एक बंदी ने अपने एडवोकेट राजेन्द्र सिंह तोमर के जरिए टोंक सजायाफ्ता बंदियों के साथ जेल प्रशासन की मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। पूरे मामले को लेकर अधिवक्ता द्वारा ज़िला कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है।
पीड़ित बंदी के अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि उसका मुवक्किल ज़िला कारागृह में हवालाती बंदी है, 18 फरवरी से ही वो जेल में बंद है। जिसको प्रताड़ित किया जाता है, अवैध रूप से रकम की मांग की जाती है, रकम नही देने पर उससे जेल में जबरन काम कराया जाता है, भोजन भी अच्छा नही दिया जाता।
मारपीट और प्रताड़ना से बचने के लिए उसके परिवार वाले अब तक उनको 40 से 50 हज़ार की रकम दे चुका है। इस अवैध वसूली में जेल प्रशासन की भी मिलीभगत है। ऐसा व्यवहार उसके साथ ही नही बल्कि हर आने वाले बंदी के साथ किया जाता है। पूरे मामले में ज़िला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए है, जांच के लिए एसीओ ज़िला परिषद को नियुक्त किया है, जांच में बंदियों के बयान लिए जाएंगे।
वहीं दूसरी और जेल प्रशासन का पूरे मामले में कहना है कि सवाईमाधोपुर से टोंक जेल स्थान्तरित होकर आए कुछ बंदी वापस जाना चाहते है, जिसको लेकर वो ऐसे आरोप लगा रहे है।