टोंक। अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) शिवचरण मीणा ने शुक्रवार को विजय दिवस पर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों को साफा पहनाकर और वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
जिला कलेक्टर कार्यालय से शहीद स्मारक पुलिस लाइन तक पैदल मार्च निकाला गया। वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत की याद में 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
टोंक के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल उमराव सिंह राठौड़ ने बताया कि इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। इस युद्ध में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए ए के नियाजी को अपने 93,000 सैनिकों के साथ भारत के पूर्व सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्म समर्पण करना पड़ा। इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इस युद्ध में भारत के करीब 3,900 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए और करीब 9,800 घायल हुए थे।
भूतपूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं ने जिला कलक्टर कार्यालय से शहीद स्मारक पुलिस लाइन तक पैदल मार्च निकाला। एडीएम ने कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सैनिकों को साफा पहनाकर और वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए हर महीने का आखिरी शुक्रवार उनकी सुनवाई के लिए तय किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भूतपूर्व सैनिक और वीरांगना को कोई समस्या हो तो वे अपनी शिकायत में मोबाइल नंबर जरूर लिखे ताकि वे उनसे संपर्क कर सकें। उन्होंने पूर्व सैनिकों से कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद नागरिक समाज से कदम से कदम मिलाकर चलें।
इस कार्यक्रम को पूर्व सैनिक सेवा परिषद के टोंक जिला प्रभारी हवलदार मोहन सिंह राजावत ने भी संबोधित किया। परिषद के टोंक में करीब 300 सदस्य हैं। इस कार्यक्रम में कमांडर मुकुट बिहारी और अन्य भूतपूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं ने शिरकत की।