Tonk News / Dainik reporter (फिरोज़ उस्मानी): टोंक नगर परिषद चुनाव(Tonk Nagar parishad Chunav) में चुनाव लडऩे वालों की पौ-बारह होती दिखाई दे रही है। बिना किसी प्रशासनीक अधिकारी (Administrative officer) की दखल के प्रत्याशी (Candidate) अपने नियमानुसार चुनाव लड़ते दिखाई दे रहे है।
आचार सहिंता (code of conduct) की खुलेआम धज्ज्यिां उढाई जा रही है, मतदान के 3 दिन रह जाने के बाद भी अब तक किसी भी प्रत्याशी पर कोई कार्यवाई अमल में नही लाई गई है। तय सीमा अनुसार चुनावी खर्चे से अधिक प्रत्याशी वोटरों पर खर्चो करते दिखाई दे रहे है। प्रत्याशियों के पोस्टर , बैनर सहित कई कार्यालयों खुले हुए है। मानो ऐसा प्रतित हो रहा हे कि बिना शासन व प्रशासन के चुनाव सम्पन्न हो रहा है।
हैरत की बात तो ये हे कि निर्वाचन विभाग अब तक भी किसी वार्ड में जांच में घुमता दिखाई दिया है।
टोंक नगर परिषद में 60 वार्डो का मतदान 16 नवंबर को है, कांग्रेस ने सभी वार्डो में अपने प्रत्याशी उतारें है, वही दूसरी और भाजपा के 50 प्रत्याशी चुनावी मेंदान में है।
तथा 172 निर्दलीय प्रत्याशी उतारें गए है। चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए 20 प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। प्रभारी अधिकारी एवं सहायक प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किए गए है।
मदतान के तीन दिन शेष रहे गए है, बावजूद इसके अब तक कोई भी अधिकारी किसी भी प्रत्याशी के खिलाफ कार्यवाई अमल में नही लाया है। कई वार्डो में देखने को मिल रहा है, कि पार्टी प्रत्याशी सहित निर्दलीयों ने एक एक गली में कई कार्यालय खोले हुए है। बिना नगर परिषद की अनुमती के पोस्टर व बैनर लगाए जा रहे है।
अपने प्रचार करने के लिए कई गाडिय़ा काम में ली जा रही है। इसी तरह किसी अधिकरी ने अब तक चुनावी खर्चे की जांच की है। प्रत्याशी खुलेआम लाखों रूपयां खर्च कर अपने वोटरों को लुभाने में लगे है।
नियमानुसार प्रत्याशी डेढ़ लाख से अधिक खर्चे नही कर सकता है। इसके बाद भी निर्वाचन विभाग का मौन रहना सवालियां निशान खड़ा करता है।