टोंक। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छान के बहुचर्चित रंगलाल चौधरी मृत्यु प्रकरण में डॉक्टरों के विरुद्ध इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप प्रमाणित होने के बावजूद दोषी डॉक्टरों को सजा नहीं मिल पा रही है।
जबकि मृतक के पुत्र सांवरलाल चौधरी का आरोप है कि अब जिले का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा दोषी डॉक्टरों डॉ. शादिल अली, डॉ. रामरतन सिंह व डॉ. सुरजीत को बचाने के प्रयास में जुटा है। इस संबंध में सांवरलाल चौधरी ने जिला कलेक्टर को शिकायती पत्र सौंपकर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निदेशक- स्वास्थ्य द्वारा विगत 10 जनवरी को पत्र भेज कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छान के दोषी पाए गए डॉक्टरों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक को निर्देशित किया था।
किन्तु विभाग ने दो माह तक प्रकरण को लंबित रखने के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर कार्यवाही प्रारंभ की, जिस पर 18 मार्च को आरोपी चिकित्सकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। लेकिन जवाब सिर्फ एक ही बिंदु पर मांगा गया है, जबकि उक्त तीनों डॉक्टर संयुक्त निदेशक की जांच में तीन आरोप प्रमाणित पाए गए हैं।
इस संबंध में परिजनों का कहना है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से जो नोटिस भेजा गया है, उस नोटिस में सिर्फ एक ही बिंदु को जोड़ा गया गया है। जिससे दोषी डॉक्टरों के बचने की पूर्ण संभावना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही को कमजोर किया जा रहा है, जो सरासर गलत है। दोषियों पर किसी भी प्रकार का रहम नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी लापरवाही से एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है।परिजन हैरान और परेशान हैं कि दोष सिद्ध होने के पश्चात भी दोषियों का निलंबन नहीं किया जा रहा।