टोंक( उस्मानी उस्मानी)।
ज़िला कांग्रेस में संगठन चुनावों को लेकर एक बार फिर सरगर्मियां शुरू हो गई है। टोंक में दो धड़ों में बटी कांग्रेस जिलाध्यक्ष का पद आलाकमान के लिए टेड़ी खीर साबित होने वाला है। दोनों ही और से जिलाध्यक्ष पद की रेस में लंबी फ़ेहरिस्त है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के टोंक विधायक बनने के बाद टोंक ज़िला कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई। एक धड़ा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है तो वहीं दूसरा सचिन पायलट का है। अब देखना ये है कि कांग्रेस संगठन को ब्लॉक अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष किस गुट का मिलता है।
कार्यकर्ताओं से रायशुमारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में 2 साल पूर्व चली खींचतान के बाद जून 2020 में कार्यकारिणी भंग कर दी गई। इसके बाद अब वापस रायशुमारी की जाने लगी है, इसके लिए 29 मई को टोंक ज़िला कांग्रेस पर्यवेक्षक डॉ प्रमोद ओझा टोंक पहुचे थे,उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक आयोजित की। बैठक में ज़्यादातर पायलट का ही धड़ा मौजूद रहा। रायशुमारी के बाद पायलट ग्रुप के बयान सामने आए, जिसके अनुसार जिलाध्यक्ष पद के लिए अंतिम फैसला पायलट पर लेना छोड़ा गया है। वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री धड़े के कार्यकर्ता इन बयानों से नाराज़ भी दिखे। हालांकि दोनों ही धड़ो की और से जिलाध्यक्ष के नाम की लंबी फ़ेहरिस्त है।
ये है प्रमुख नाम
इनमें प्रमुख रूप से दिनेश चौरासिया, महावीर तोगड़ा,सुनील बंसल,सलीम नक़वी,टोंक महिला पूर्व जिला अध्यक्ष व महिला कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ज़ेबा खान नाम शामिल है। वही दूसरी और निवर्तमान टोंक ज़िला जिलाध्यक्ष लक्ष्मण गाता के नाम की सबसे ज़्यादा चर्चा है। अब देखना ये होगा कि जिलाध्यक्ष की रेस में ऊंट किस करवट बैठता है।