टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)। ज़िलें में अवैध बजरी खनन खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे किया जा रहा है, बजरी माफिया नियम कायदों की धज्जियां उड़ा कर सरकार को करोड़ों का चूना तो लगा ही रहे है साथ ही बनास को भी छलनी कर रहे है,, पर्यावरण को हो रहे नुकसान के चलते कई बार ग्रामीण व बजरी खननकर्ता आमने सामने हो चुके है, सोमवार को भी बनास से बजरी निकालने को लेकर बजरी लीजधारकों व ग्रामीणों आमने सामने हो गए।
टोंक बनास के वजीरपुरा क्षेत्र में प्रदीप सेठी लीजधारक द्वारा बजरी का दोहन किया जा रहा था, ग्रामीणों का आरोप है कि बजरी लीज धारक अहमदपुरा की रवन्ना रसीद के नाम से वजीरपुरा व मोलाईपुरा जैसे प्रतिबंधित क्षेत्रों से पुलिस प्रशासन व खनिज विभाग की मिलीभगत से बजरी निकालने का कार्य कर रहे है।
बजरी लीजधारक पानी से बजरी निकाल रहे थे, तब ग्रामीणों ने बजरी लीजधारकों को मना किया। इस पर ग्रामीणों व बजरी लीजधारकों के कर्मचारियों में झगड़ा हो गया, ग्रामीणों ने कर्मचारियों पर हमला कर वहां से भगाया। जिस पर वहां तनाव की स्थिति हो गई। देखते ही देखते ग्रामीण व लीजधारक कर्मचारी आमने सामने हो गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध रुप से यहां खनन किया जा रहा है, नियम कायदों को ताक में रख कर पानी से भी बजरी निकाली जा रही है, जिससे कुएं सुख रहे है, किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
लीज धारक जहां की लीज है,वहां से हटकर भी बजरी दोहन कर रहे है। लीजधारक प्रतिबंधित क्षेत्र से भी बजरी निकाल रहे है। वही पूरे मामले की सूचना लगने पर मौके पर पुलिस जाब्ता पहुचा।