टोंक। सोमवार। साहू समाज टोंक द्वारा चैत्र नवरात्रों में मनाये गए दस दिवसीय रामजन्म बधाई महोत्सव की सोमवार को धूमधाम से पूर्णावती सम्पन्न हुई।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष माधोदास साहू ने बताया कि घंटाघर स्थित साहू समाज के श्री सीताराम मन्दिर में महोत्सव के पूरे दस दिनों राम जन्म सम्बन्धी बधाई भजनों को विभिन्न गायकों द्वारा अपनी संगीतमय मधुर वाणी में प्रस्तुत किया गया जिसमें अंतरराष्ट्रीय गायक धनराज साहू के अलावा गायक गौतम शर्मा दूनी, गायक राजेन्द्र साहू, त्रिलोक साहू, नवल साहू, मोहन साहू, सूरज साहू, मोहन सोनी, गीतकार भगवान दास बोहरा, मुन्ना पेंटर, गोपाल नामा, गोविंद पांचाल, रामलाल साहू, शंकर सैनी, रामस्वरूप सैनी, श्याम भजन गायिका अर्चना शर्मा आदि गायकों ने अवध में राम लियो अवतार, जन्म लियो है रघुरैया, राम जन्म सुन अपने पति से, ढांढन नाचे रंग भरी, तू कितनी अच्छी है आदि भजनों की प्रस्तुतियां दी जिस पर महिलाओं पुरुषों व बच्चों ने जमकर नृत्य कर महोत्सव को सफल बनाया।
इस पूर्णाहुति कार्यक्रम में यजमान स्वoराजेन्द्र मंगलुण्डिया के परिवारजनों द्वारा सभी मन्दिर पुजारी, यजमानों, गायक कलाकारों व कार्यक्रम सहयोगियों को बधाई स्वरूप दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान भी किया गया।
इन दस दिवसों में प्रतिदिन साहू समाज के अलग अलग यजमानों क्रमश: बनवारीलाल जी मंगलुण्डिया पांचबत्ती, मुन्नालाल जी कसोदन्या घंटाघर, माधोदास जी पंचोली पुरानी टोंक, मोहनलालजी शालीवाल मेहंदीबाग, कैलाशचंद जी राजोरा पांचबत्ती, कालूजी बलसोरा तख्ता, नाथूलालजी गेरोटिया पुरानी टोंक, पानमलजी गेरोटिया काफला, सीतारामजी नैणावा रजबन, व राजेन्द्रजी मंगलुण्डिया सन कैफे घंटाघर* द्वारा तन मन धन से नित नई झांकियां सजाई गई व प्रतिदिन बधाई भजनों के कार्यक्रम पश्चात प्रसाद वितरण भी किया गया।
महोत्सव के दौरान अजमेर जज नवीन चौधरी, सीताराम मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष माधोदास साहू, पार्षद रामचरण साहू, रामावतार चौहान, कैलाश बलसोरा, सत्यनारायण मावर, जगदीश बहीर, हेमराज साहू, सूरज साहू, महावीर साहू, टीकम साहू, मुरारी साहू, सूरज मंगलुण्डिया, पवन साहू, नाथू गेरोटिया, प्रह्लाद पंचोली, घनश्याम बियानी, श्याम बियानी, कमल मावर, राधेश्याम बाथरा, ताराचंद साहू, पानमल साहू, जगदीश मावर, राधेश्याम बाथरा, श्याम शर्मा, राकेश सोनी,ओम नामा, अनिल जैन, महेश सोनी, श्याम सुंदर, हितेश अंग्रेज, आदि काफी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित रहे।
अंत में सीताराम जी की आरती व प्रसाद वितरण कर पूर्णावती की गई।