औचक संयुक्त निरीक्षण में दो मदरसे बन्द मिले और तीसरे का रिकार्ड अधूरा मिला
टोंक (भावना बुन्देल )। सरकारी स्कूलों और मदरसों में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों पर प्रसंज्ञान लेते हुए विधायक अजीत सिंह मेहता ने बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सरकारी स्कूल और तीन मदरसों का औचक निरीक्षण किया।
विधायक के साथ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भैंरोलाल शर्मा और ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी नादान सिंह गुर्जर उपस्थित थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर 12.50 बजे पुरानी टोंक स्थित मदरसा काजी-उल-इस्लाम का निरीक्षण किया गया, जहां कुल नामांकन 52 बच्चों का होने के बावजूद कोई भी विद्यार्थी उपस्थित नहीं मिला।
वहीं मदरसा स्टाफ रजिस्टर की उपस्थिति पंजिका में केवल दो ही कार्मिकों के हस्ताक्षर थे, जबकि पैरा टीचर समेत चार कार्मिक अनुपस्थित मिले। पोषाहार रजिस्टर में प्रविष्टियां अपूर्ण मिली और दुग्ध वितरण पंजिका व लेखा- जोखा पंजिका भी रिक्त मिली। बर्तनों के भुगतान के संबंध में संस्था प्रधान द्वारा नियमानुसार चेक से भुगतान करने के बजाय नकद भुगतान करना बताया।
इधर, निरीक्षण के दौरान दोपहर 1.00 बजे वार्ड नं. 35 स्थित मदरसा छावनी के ताले लगे मिले और मदरसा अबू हुजैफा का संचालन निजी मकान में होता पाया गया। अबू हुजैफा के संचालक द्वारा बजट मिलने के बावजूद दुग्ध वितरण से संबंधी बरतन खरीदे ही नहीं थे। दोपहर 2.00 बजे राउमावि- सिटी नं. 12 का निरीक्षण किया गया, जहां सम्पूर्ण व्यवस्थाएं सन्तोषजनक मिली।
गौरतलब है कि मदरसों का संचालन सरकार के अधीन मदरसा बोर्ड और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। सरकारी निर्देशों के अनुरूप ही मदरसों में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक, पोषाहार, दुग्ध, बैग वितरण और पैरा टीचरों को वेतन का भुगतान किया जाता है। मदरसों में शिविरा पंचाग ही लागू है, जिसके तहत मदरसों का खुलने का समय प्रात: 7.50 और बन्द होने का समय दोपहर 2.10 बजे का है।