Tonk News । भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता ने प्रशासन पर पंचायत समितियों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार पनपाने का आरोप लगाया हैं। उन्होने कहा कि निवाई पंचायत समिति में खुलआम भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा हैं नकेल कसने के बजाय मूक दर्शक हो देख रहे हैं । इसे भाजपा कतई बर्दाश्त नही करेगी । भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कारगर कार्रवाइ क्यों नही की जाती ।
भाजपा के पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता ने राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की हैं कि पंचायत समिति निवाई में नरेगा में मृतक आदमियों के नाम से रोजगार देकर भुगतान उठवा दिया। वही एक तरह के अपराध में दो अलग अलग सजा दी गई। यह सब क्या हैं। लेकिन लीपापोती करने वाले भष्ट्र अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की गई। जिससे सत्तारूढ दल की करनी एवं कथनी में अंतर हैं।
इसी प्रकार पंचायतों में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रांें की सुरक्षा के ठेके देने में अपनी चहेती बोगस फर्मो को ठेके देकर लाभान्वित करने के लिए 11 माह में पंाच बार ऑन लाईन निविदाऐं आमंत्रित करने के बाद भी पांचवीं बार भी निर्धारित तिथि को निविदाऐं नही खोलकर ठेके में अपनी चहेती बोगस फर्म को शामिल करते हुए पांचों ठेकेदारों को 8-8 ग्राम पंचायतों का ठेका देकर बंदरबांट करवाली।
मेहता ने बताया कि बोगस फर्म को ठेका देकर वर्क आर्डर भी दे दियें लेकिन आज दो माह बीत जाने के बाद भी 8 ग्राम पंचायतांे में भारत निर्मार्ण राजीव गांधी सेवाकेन्द्रों में गार्डो की नियुक्ति नही करने वाली बोगस फर्म डायनिमिक सिक्यूरिटी सर्विस जयपुर का चहेती होने के बाद भी ठेका निरस्त नही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध जिला परिषद कोई कारगर कार्यवाही क्यों नही कर हीे है। जो मिलीभगत का संदेह प्रकट करता है।
उन्होने बताया कि चार बार ऑन लाईन निविदा जारी करने के बाद अपनी चहेती फर्म का लाईसंेस रद्द होने के बाद भी ठेका दे दिया गया। ठेकेदारों ने विरोध भी किया लेकिन अनसुना कर दिया गया। जबकि स्वयं जनसुनवाई में मिटिंगों में बोलते हैं कि कार्य में पूर्ण पारदर्शिता बरते। कहां हैं इनकी पारदर्शिता,ईमानदारी ! बार बार शिकायते होने के बाद भी जिला परिषद द्वारा कोई कार्यवाही नही करना संदेह प्रकट करता है।
उन्होने बताया कि अपनी चहेती फर्म का अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाते हुए उनकी अमानत राशि लगभग 50 हजार रू. वापस लौटा दिये गये जिससे राजकोष को चपत लगी। क्या यह भ्रष्टाचार नही है।
पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता ने बताया कि जिला परिषद के आदेशों की विकास अधिकारी एवं सहायक लेखाधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी धज्जिया उडाने में लगें हैं। जिसके तहत जिला परिषद के आदेश क्रमांक जीपटो/संस्था/2020/932 दिनांक 1/7/2020 के तहत जिले की सभी पंचायत समितियों के सभी सम्बधित अधिकारियों को कॉपी देकर निर्देशित किया था कि विद्युत का बिल,पंचायत सहायकों का वेतन बिल, पम्प चालकों का भुगतान एवं सुरक्षा गार्ड पेटे वेतन भुगतान पर होने वाली राशि एक वर्ष तक सुरक्षित रखते हुए शेष राशि विकास कार्यो पर व्यय करे। ताकि पंचायतों में लगें कार्मिको को समय पर वेतन दिया जा सके। लेकिन यहां भी निवाई पंचायत समिति में दो माह से सुरक्षा गार्डो के वेतन नही देकर ग्राम विकास अधिकारी जिला परिषद के आदेशों की धज्जिया उडाने में लगें हैं।
मेहता ने बताया कि ऐसे आदेशों का क्या औचित्य हैं। जिसकी ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी ही अवहेलना करे। उन्होने कहा कि राज्यादेशों का स्वयं भी मखौल उडवा रहे है। उन्होने बताया कि भाजपा भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को कभी भी बर्दाश्त नही करेगी।