स्त्री को यह निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए कि उसे संतान कब पैदा करना है

liyaquat Ali
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Tonk news (फ़िरोज़ उस्मानी) विश्व जनसंख्या दिवस के उपलक्ष में शिव शिक्षा समिति रानोली द्वारा सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से संचालित शादी बच्चों का खेल नहीं परियोजना के तहत किशोरी बालिकाओं महिला एवं बाल विकास विभाग की लेडी सुपरवाइजर सगुप्ता जी एवं आशा सहयोगिनी जोला अनीता शर्मा जी के साथ 15 किशोरी बालिकाओं ने परिचर्चा की कार्यक्रम अधिकारी सीताराम शर्मा ने बताया कि इस चर्चा के दौरान किशोरी बालिकाओं ने लाँक डाउन के बाद किशोरी बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था बाधित होने, स्वास्थ्य सेवाओं में आयरन फोलिक एसिड टेबलेट की आपूर्ति नहीं होने, गर्भनिरोधक साधनों तक पहुंच नहीं होने एवं नव दंपतियों द्वारा विशेषकर महिलाओं एवं किशोरियों द्वारा गर्भनिरोधको की मांग करने पर उनकी पहचान सार्वजनिक करने जैसे मुद्दे उठाएं किशोरियों ने बताया कि जब तक समाज में लड़कों की चाहत रहेगी लड़कियां पैदा करते रहेंगे और जनसंख्या वृद्धि होती रहेगी तो यह जो भारतवर्ष में पुरुष प्रधानता है उसको समाप्त करने की जरूरत है एक स्त्री को यह निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए कि उसे कब बच्चा पैदा करना है, कितने बच्चे पैदा करने है, कितने अंतराल पर बच्चे पैदा करने जब तक यह अधिकार एक महिला के पास में नहीं होंगे तब तक जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल है सेव द चिल्ड्रन नीरज जुनेजा जी ने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक महज 15% किशोरियों गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल कर पा रही है बाकी तक पहुंच ही नहीं हो पा रही है संस्था सचिव शिवजी राम यादव ने बताया कि शिव शिक्षा समिति राणोली किशोरी सशक्तिकरण व युवाओं के सशक्तिकरण को लेकर लगातार प्रयासरत है वह एक सशक्त समाज की और आगे बढ़ रहे हैं इस परिचर्चा के दौरान संस्था कार्यकर्ता पूनम जोनवाल आंगनबाड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा सहयोगिनी महिला पर्यवेक्षक एवं परियोजना टीम सहित 15 किशोरियों ने भाग लिया

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