सरकार की साख को बट्टा, जहां ना गुडगर्वेन्स हैं ना पारदर्शिता ना ही कोई जबाबदेही सब मखौल

liyaquat Ali
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Newai news । पंचायत समिति निवाई में विकास अधिकारी एवं सहायक लेखाधिकारी की लापरवाही एवं अंधेरगर्दी के चलते सरकार की साख को बट्टा लगा रही है। जहां ना गुडगर्वेन्स हैं ना पारदर्शिता ना ही कोई जबाबदेह सब मखौल ही बना हुआ हैं।

पंचायत समिति की विकास अधिकारी डा.संतोष बैरवा एवं सहायक लेखाधिकारी रमेशचंद शर्मा ने जैसे को प्रण ले लिया कि उनकी चहेती फर्म को ही ठेका देगें ,चाहे वो नियम कायदों में योग्यता रखती हो या नही । इससे कोई सरोकार नही रखते । समिति में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के लिए पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के लिए गार्ड के लिए अब तक 5वीं बार गार्डो के लिए विज्ञापन ऑन लाईन निविदाऐं आमंत्रित की गई । जिन पर अब तक हजारों रू. फूंक दिये गये ।

नतीजा सिफर ही साबित हुआ ।
अब तक पांच बार आमंत्रित किये जा चुके ऑन लाईन ठेकों में सहायक लेखाधिकारी ने बार बार खामियां छोडी गई । जब जिला कलेक्टर एवं उच्चाधिकारियों को शिकायत की गई तब जाकर ठेका निरस्त किया गया। इस संबंध में शिवम एक्स आर्मी कॉ-आपरेटिव समिति लि. के प्रोपराईटर रवि सैन ने बताया कि पांचवी बार आमंत्रित किये गये ठेके में 22जुलाई 2020 को सांय 4बजे खुलने वाली निविदा आफिस बंद होने तक नही खोली गई।

सहायक लेखाधिकारी से निविदा निर्धारित समय पर नही खोलने बाबत जानकारी ठेकेदारों द्वारा चाहने पर बताया कि कल खोली जाएगी। इसके बाद देर रात को निविदा खोल दी जाना बताया गया । जिसकी सूचना भी जारी नही की गई।
पांचवी बार खोली गई निविदा में पहले कोई भी ठेकेदार निविदाओं में सम्मिट किये गये दस्तावेज को आसानी से देखकर फर्म की कमी बेसी निकाल कर बता दिया करते थे। इस बार विकास अधिकारी एवं सहायक लेखाधिकारी ने कम्प्यूटर एक्सपर्ट की सेवा लेकर सम्मिट दस्तावेजों को देखने का ऑप्सन ही डिलीट करवा दिया गया ।

इससे साफ हो गया कि मिलीभगत कर अपनी चहेती फर्म को ही ठेका दिया जाए। इसलिए तो अवैध लाईसेस वाली फर्म का ठेका निरस्त हो जाने के बाद नियमानुसार द्वितीय नम्बर वाली फर्म को वर्क आर्डर दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नही किया जाकर राज्य कोष को अब तक हजारों रू. का चूना लगाने वाले कर्मचारी के विरूद्ध मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वार आज तक कोई कारगर कार्यवाही अमल में नही लाना मिलीभगत को ही दर्शाता है।

मजेदार बात यहां यह है कि आमंत्रित निविदा में संस्था एक हैं उसके दो रजिस्टेªशन नम्बर हैं । जिनमें एक डेजर्ट हाक्स एक्स सर्विसमेन वेलफेयर कॉ-आपरेटिस सोसायटी लि. हैं जिसके लाईसेंस नम्बर सीएलसी/2017!14/132538 है तथा इसी नाम की दूसरी संस्था जिसके लाईसेंस न. सीएलसी/2016/14/021834 नम्बर है। जो संदेह प्रकट करता है कि एक ही संस्था को दो लाईसेंस नम्बर कैसे आवंटित हो गये । फिर इनमें से यह कैसे पता चलेगा कि कोैन से लाईसेंसधारी फर्म को ठेका आवंटन होगा।

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