टोंक। श्रीरामद्वारा में मंगलवार को स्वामी कान्हड़दास महाराज के निर्वाणोत्सव पर साध पंचमी मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रृद्धालुओं ने स्वामी जी की गादी के दर्शन कर धार्मिक लाभ प्राप्त किया।
साध पंचमी के मौके पर मंगलवार को प्रात: श्री रामद्वारा में संत रामनिवास महाराज के सानिध्य में संतों ने भव्य आतिशबाजी कर महोत्सव की शुरूआत की, जहां दिन भर रामद्वारा में श्रृद्धालुओं का दर्शनार्थ तांता लगा रहा। दोपहर बाद संत रामनिवास महाराज द्वारा धार्मिक प्रवचन दिये गये।
उन्होने बताया कि रामस्नेही सम्प्रदाय के गुरू स्वामी रामचरण महाराज के चतुर्थ प्रिय शिष्य थे। जो राम नाम का प्रसार करते हुये आज से तकरीबन 217 वर्ष पूर्व टोंक आये थे, जहां रामद्वारा में आकर तपस्या की थी। उन्होने कहा कि गुरू राम ओर भक्त के बीच मिलन कराने ओर ज्ञान देने वाला होता है।
गुरू के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। भक्तों को हमेशा अपने गुरू से आर्शीवाद लेते रहना चाहिये। गुरू दुख की घड़ी में सदमार्ग का रास्ता दिखाता है। इस मौके पर संत कोमलराम महाराज ने भी प्रवचन किये। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम का समापन सांय आरती के साथ प्रसादी वितरण के बाद हुआ।