टोंक। सोमवार को काली पलटन, विकास नगर स्थित सामुदायिक भवन में “वाल्मीकि महापंचायत” के बैनर तले एक मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के वर्गीकरण (क्रीमीलेयर- कोटे में कोटा) की व्यवस्था से वंचित आरक्षितों को लाभ देने के निर्णय का स्वागत किया।
साथ ही दलित संगठनों द्वारा 21 अगस्त को “भारत बंद” का विरोध किया। भारत बंद का विरोध करते हुए वाल्मीकि, सांसी, नायक तथा कलंदर समाज (नूर भाई) के प्रतिनिधियों ने लोगों से 21 अगस्त को भारत बंद में शामिल नहीं होने का आह्वान किया तथा बंद का पुरजोर विरोध किया। वाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश संयोजक राजेश पारोचिया ने जानकारी देते हुए बताया है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आरक्षित गरीबों के लिए नौकरी लगने का सुनहरा अवसर है।
इस संघर्ष को हम तब तक जारी रखेंगे, जब तक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लागू नहीं हो जाता। पारोचिया के अनुसार आगामी 23 अगस्त को जिला कलेक्टर में माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा और जल्द ही आरक्षण के वर्गीकरण को लागू करने को मांग की जाएगी।
मीटिंग की अध्यक्षता प्रिंसिपल माणक चन्द सौदा ने की।मुख्य अतिथि ज्ञान सिंह सांसी रहे तथा बैठक का संचालन पार्षद हकीकत राय सौदा ने किया।
बैठक में राम किशन नायक, मनोज सांसी पार्षद हरेंद्र सांसी, नाथू लाल चांवरिया, रामबाबू परवाना, रमेश चन्द बोयत चंद्र प्रकाश मेहता, कैलाश तमोली, अरुण सौदा, गुलाब सेठ, पार्षद आदित्य मीणा, पार्षद प्रतिनिधि मनोज चांवरिया, महावीर राजोरिया, प्रदीप सौदा, कुलदीप चांवरिया, कमलेश राजोरिया, जसवंत सौदा, उमेश धामुनिया आदि मौजूद रहे।