राजस्थान में अब राइट-टू- हेल्थ के विरोध में निजी अस्पताल संचालकों ने बजाया बिगुल, नहीं करेंगे इलाज

जयपुर/ भीलवाड़ा/टोंक । राजस्थान सरकार द्वारा मेडिकल सेक्टर में आम जनता के लिए राय टू हेल्थ बिल लाने की तैयारी कर रही है और इसी बिल को लेकर प्रदेशभर की निजी अस्पताल संचालक को और डॉक्टर ने विरोध का बिगुल बजा दिया है तथा आज सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद प्रदेश भर में सभी निजी अस्पतालों में कल से ही सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले उपचार की सुविधा को बंद कर दिया गया है निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों के समर्थन में आज सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर भी सांकेतिक हड़ताल पर है।

राजस्थान सरकार द्वारा राइट टो हेल्थ बिल लाया जा रहा है इसको लेकर प्रदेश भर में निजी अस्पताल संचालकों के डॉक्टरों द्वारा विरोध किया जा रहा था और इसी कड़ी में आज प्रदेशभर के करीब 15 सौ से अधिक निजी अस्पतालों में ओपीडी आपातकालीन सेवाएं बंद रखी गई और धरना प्रदर्शन दिया गया इन निजी अस्पताल संचालकों डॉक्टर को एक समर्थन में सरकारी हॉस्पिटल के चिकित्सक भी 2 घंटे तक ओपीडी बंद रखकर सांकेतिक हड़ताल पर रहे।

राजस्थान में अब राइट-टू- हेल्थ के विरोध में निजी अस्पताल संचालकों ने बजाया बिगुल, नहीं करेंगे इलाज
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विधानसभा की प्रवर समिति की बैठक आज निजी चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई लेकिन इस बैठक में कोई भी नतीजा नहीं निकलने और सहमति नहीं बनने के बाद निजी अस्पताल संचालकों की ओर से निर्णय लिया गया कि अब वह कल से ही राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम(RGHS) और चिरंजीवी योजना के तहत उपचार नहीं करेंगे और अब केवल इन निजी अस्पतालों में केशिया मेडिक्लेम पर ही उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी ।

प्रवर समिति में आज कोई बात पर सहमति नहीं बनने के बाद इसके अगली बैठक 15 फरवरी को बुलाई गई है तब तक सभी निजी अस्पतालों में सरकार की योजनाओं के तहत होने वाले उपचार की सुविधा नहीं रहेगी और इन योजनाओं के तहत रोगियों को उपचार अब नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के द्वारा लिया गया है

बताया जाता है कि राजस्थान में करीब 2000 से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल है और इनमें से 75% से अधिक निजी अस्पतालों में राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम(RGHS) और चिरंजीवी योजना के तहत सुविधा उपलब्ध है कल से सभी निजी अस्पतालों में इस सुविधा का लाभ रोगियों को नहीं मिलेगा और इन योजनाओं के तहत ओपीडी आईपीडी सर्विस नहीं देगी दी जाएगी तथा आरजीएचएस के तहत अभी वर्तमान में निजी हॉस्पिटल में ₹150 से 250 में ओपीडी शुल्क लिया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में करीब 1 करोड़ 37 लाख 82 हजार 951 परिवार चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड है और 2948207 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार के लिए 1000000 के कैशलेस बीमा की सुविधा है ।

सरकार ने इसे मुख्यमंत्री ने कल ही अपनी बजट घोषणा में इसकी राशि बढ़ाकर ₹2500000 कर दी है तथा दूसरी और आरजीएचएस में प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को फायदा दिया जाता है और करीब 800000 से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी इसका फायदा उठा रहे हैं निजी अस्पतालों द्वारा इस योजना में उपचार बंद कर देने से सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ चिरंजीवी योजना से जुड़े परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।