Tonk News । राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने निवाई उपखंड के खण्डदेवत स्कूल की प्रधानाचार्या को निलंबित किये जाने के मामले में राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव ,शिक्षा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी कर 4 अगस्त तक पूछा है कि क्यों न निलंबन आदेश को रद्द कर दिया जावे ,साथ ही अदालत ने शिक्षा निदेशक को आदेश दिए है कि निलंबन काल मे याचिकाकर्ता की व्यक्तिगत समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उसका मुख्यालय बीकानेर से बदलकर उसके गृह जिले में करने के यथोचित आदेश पारित करे ।
न्यायाधीश अशोक कुमार गोड़ की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश निवाई उपखंड के खण्डदेवत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की निलंबित प्रधानाचार्या सुमन बैरवा द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए दिए ।
याचिका में बताया गया है कि शिक्षा निदेशक ने 8 जून 2020 को आदेश जारी टोंक के मुख्य ज़िला शिक्षा अधिकारी की प्रारंभिक जाँच जिसमे उस पर मनमाने आचरण ,जनप्रतिनिधियों से संतोषजनक व्यवहार नही रखने के आरोपों के आधार पर निलंबित कर दिया ।
जिसे यह कहते हुए चुनोती दी गई कि ग्राम पंचायत के सरपंच सहित अन्य ग्राम वासियों ने लिखित में दिया है कि उन्हें याचिकाकर्ता से कोई शिकायत ही नही है साथ ही जिस मुख्य ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रारम्भिक जाँच की गई है उसके विश्वस्त कार्मिक सीताराम साहू द्वारा दबाव बनाकर पैसे मांगने के आरोप भी निवाई एसडीएम को लिखित में 29 मई को दे चुकी है साथ ही तत्कालीन मुख्य ज़िला शिक्षा अधिकारी रिश्वत के आरोप में गत 24 जून को गिरफ्तार हो चुका है याचिकाकर्ता 29 अक्टूबर 2019 से 24 अप्रैल 2020 तक लगातार प्रसूति अवकाश पर रही है तथा लोकडाउन के दौरान निरन्तर क्वाण्टाइन सेंटर पर 6 माह में शिशु के साथ सेवाएं दी है ।
किंतु स्थानीय विद्यालय के स्टाफ ओर महिला लिपिक द्वारा जबर्दस्ती शिकायत करवा कर उसे निलंबित करवा दिया गया है तथा उसका मुख्यालय बीकानेर कर दिया गया है जिसे याचिका में चुनोती देते हुए ,निलंबन आदेश को रदद् करने की अदालत से गुहार की गई है ।