टोंक।राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को खातेदारी की भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत करने से जुड़े मामले में राज्य के मुख्य सचिव,प्रमुख राजस्व सचिव,प्रमुख पंचायती राज सचिव,टोंक कलेक्टर व जिला परिषद सीईओ सहित उनियारा पँचायत समिति के विकास अधिकारी सहित दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब करते हुए पूछा है कि किन नियमो के तहत खातेदारी की भूमि पर पीएम आवास योजना की राशि स्वीकृत की।
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश उनियारा पँचायत समिति के रूपपुरा पँचायत के कृष्ण कुमार शर्मा द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए दिए है ।
याचिका में बताया गया है कि उनियारा के रूपपुरा ग्राम पँचायत के ग्राम फतेहगंज में प्रार्थी की खातेदारी की जमीन है इस पर अवैध तरीके से एक महिला सुशीला को स्थानीय पँचायत प्रशासन ने मिलीभगत कर पीएम आवास योजना में राशि स्वीकृत कर दी तथा उक्त महिला ने वहाँ निर्माण भी कर लिया जबकि प्रार्थी ने दस्तावेजो के साथ स्थानीय प्रशासन को शिकायत भी की कि यह स्वीकृति गलत है।
किंतु स्थानीय अधिकारियों ने गलत तथ्यों के साथ जाँच कर आला अफसरों को भृमित किया तथा कोई कार्यवाही नही की,इस पर प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही करने तथा स्वीकृत राशि वापस वसूलने तथा निर्मित मकान को तोड़ने की गुहार करते हुए याचिका दायर की है ।
अदालत ने सुनवाई के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है ।