Tonk Newd। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु विज्ञान केंद्र, अविकानगर,टोंक द्वारा मंगलवार को “पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग” विषय पर ऑनलाइन पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में केंद्र प्रभारी अधिकारी डॉ.मदन मोहन माली ने बताया कि यह रोग मुख्य रूप से गाय, भैंस, भेड़, बकरी में देखने को मिलता है। जिसमें पशु के मुंह, थन, खूर पर घाव बन जाना, बुखार आना, मुंह से लार टपकना, आंखों व नाक से पानी आना आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यह रोग मुख्य रूप से मौसम में बदलाव होने से पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने से होता है। इस बीमारी के उपचार के लिए निरंतर रूप से घावों पर लाल दवा का उपयोग करें तथा पशु के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमतावर्धक दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए। शिविर में केंद्र के डॉ.राजेश सैनी व डॉ.नरेंद्र चौधरी ने पशुपालकों के सवालों का समाधान किया। शिविर में 38 प्रगतिशील पशु पालकों ने भागीदारी निभाई।