Tonk News। कोरोना महामारी में पढ़ाई के लिए भले ही बच्चे को सोशल मीडिया से जोड़ा जा रहा है, लेकिन महज कुछ ही महीनों में इसके नुकसान भी सामने आने लगे हैं। सरकार ने स्कूली छात्रों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान से बचाने के लिए छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन क्लासेज़ चलाई जा रही है। छात्र इन ऑनलाइन क्लासेज़ को अटेंड कर पढ़ाई में आगे भी बढ़ रहे है। लेकिन टोंक में ऑनलाईन क्लासेज़ के चक्कर में एकयुवक ऐसे ऑनलाइन गिरोह के चंगुल में फंस गया और अपने मां बाप को बिना बताए चुपचाप घर छोडक़र फरार भी हो गया। ऐसे में मां-बाप अब लापता हुए बच्चे को लेकर चिंतित है।
ऐसे में अगर आपका बच्चा भी मोबाइल फोन में ऑनलाइन क्लासेज़ ले रहा है तो आप भी सावधान हो जाइए क्योंकि मोबाइल फोन में ऑनलाइन क्लासेज़ ले रहा आपका बच्चा आपकी पकड़ और आपकी आंखों से बहुत दूर जा सकता है। यह हम नहीं बल्कि टोंक पुलिस की सलाह है। अगर आपका बच्चा ऑनलाइन क्लासेज़ अटैंड कर भी रहा है या फिर स्मार्टफोन में सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर काफी समय बिता रहा है तो आप फौरन उसकी निगरानी शुरू कर दीजिए। हाल ही में टोंक जिले के बरौनी थाना इलाके के गुढा गांव में एक माता पिता के साथ ऐसी ही घटना सामने आ चुकी है।
जहां 12वीं क्लास में पढ़ाई करने वाला उनका इकलौता बेटा धीरज योगी मोबाइल फोन पर चलने वाली ऑनलाइन क्लासेज़ लेने के फेर में हरियाणा के एक ऐसे सायबर गिरोह के चंगुल में फंस गया था जहां से वापस आना भी उसके लिए मुश्किल था। धीरज ने दूरभाष पर बताया की यूट्यूब पर वो एक ऐसे धार्मिक गिरोह के चंगुल में आया जहाँ से उसे जि़ंदगी जीने के नए नए सपने दिखाए गए। ऐसे द्धद्ब फज़ऱ्ी सपनो ओर सब्ज़बागो के चक्कर मे आकर छात्र धीरज योगी 17 जनवरी की शाम को अपने मां बाप को बिना बताए घर से निकल गया। काफी ढूढने ओर तलाशने के बाद भी जब धीरज का कोई पता नही चला तो परेशान मां बाप ने पुलिस की शरण ल।
मां बाप ने बरौनी थाने में धीरज योगी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। वही युवक के परिजनों की रिपोर्ट मिलते ही बरौनी थाना अधिकारी कैलाश विश्नोई ने खुद मामले की गम्भीरता को समझते हुए मामले की तकनिकी तरिके से छान बिन की युवक की मोबाइल डिटेल्स खंगाली और महज़ 4 दिन में ही युवक को हरियाणा के एक विशेष धार्मिक स्थल से बरामद कर टोंक ले आई। बाद में उसे काउंसिलिंग के बाद परिजनों को सौप दिया।
इनका कहना है
थाना प्रभारी कैलाश विश्नोई का कहना है आजकल छात्र सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर चलने वाले ऐसे गिरोह के चंगुल में फंस कर गलत रास्ते पर निकल जाते है। उनकी अपील है कि मां बाप स्मार्टफोन चलाने वाले अपने बच्चो की विशेष निगरानी भी करे।