टोंक /पीपलू (ओमप्रकाश शर्मा)। सरकारी विभागों के अधिकारियों के कारनामे अजब-गजब हैं। जीवित को मृत दिखाकर वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी। पिछले कई माह से यह महिला सरकारी कार्यालयों में भटक रही है यह बताने के लिए की मैं जिदा हूं और मुझे पेंशन दिलवा दीजिए। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। पेंशन बंद होने की कार्यालय में जानकारी करने पर पता चला कि उन्हें मृत दर्ज कर दिया गया हैं।
वृद्ध महिला हल्का पटवारी डारडातुर्की की लापरवाही के कारण वृद्धा पेंशन के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो रही है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत डारडातुर्की के ग्राम हाडीखुर्द निवासी गलोल देवी पत्नी जगदीश प्रजापत(कुम्हार) को हल्का पटवारी,सरपंच द्वारा सत्यापन के दौरान मृत बता देने के कारण वृद्धावस्था पेन्शन बंद हो गई।
जिससे वृद्ध महिला को अपना खर्च चलाने मे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सोहेला क्षेत्र के ग्राम जेबाडियां निवासी महिला राजा देवी पत्नी मोहनलाल गुर्जर को भी हल्का पटवारी सोहेला व सरपंच मृत दर्ज कर देने के कारण पेंशन बंद हो गई। जब कि महिला आज दिनांक तक जिन्दा है।
इतना ही नही ग्राम पंचायत सोहेला निवासी एक बैवा कान्ता देवी पत्नी स्वः दिनेश कुमार ढोली जिसको अन्य राज्य मे निवासी बता दिया गया जिसके कारण बैवा 2021 से दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो रही है।वह अपने बच्चों का पालन पोषण भी सही से नही कर पा रही है।
कार्मिको द्वारा की गई गलती के कारण महिलाएं अपना गुजर बसर भी नही कर पा रही है।पेंशन की पात्र महिलाओं ने बंद की गई पेंशन को उसी दिनांक से सुचारू रूप से चालू करवाने की जिला कलेक्टर से मांग की है।