मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए आयते करीमा, गहलोत की मुकम्मल सेहतयाबी और मुल्क व दुनिया से कोरोना महामारी से हिफाजत के लिए दुआ की गई

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Tonk News राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए आयते करीमा पढ़ा गया, उनकी मुकम्मल सेहतयाबी और मुल्क व दुनिया से कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से आम आवाम की हिफाजत के लिए दुआ की गई, सफल ऑपरेशन के लिए अल्लाह ताला का शुक्रिया अदा किया गया, हर बला आफत से हिफाजत के लिए दुआएं की गई, गरीब नवाज इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज टोंक राजस्थान के तत्वावधान में प्रातः 8:00 गुलजारबाग में आयोजित मजलिस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुकम्मल सेहतयाबी के लिए दुआएं खैर की गईl

इस मौके पर कांग्रेस नेता गांधीवादी मुजीब आजाद ने कहा कि संवेदनशील मुख्यमंत्री गहलोत के साथ करोड़ों लोगों की दुआऐ है, राज्य की खुशहाली के लिए और कोरोना संकट के समय में बेहतरीन कुशल प्रबंधन से आम जनता के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाले अशोक गहलोत ने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए l

बगैर राजस्थान की आवाम के लिए लगन और मेहनत के साथ कार्य किया और अपना फर्ज निभाते हुए उनकी तबीयत नासाज हो गई, गहलोत पीड़ित शोषित गरीब जनता के दर्द को समझने वाले ऐसे जनप्रतिनिधि हैंl

जिनसे लोगों का दिली जुड़ाव है, तबीयत नासाज की खबर से चिंतित नागरिक उनकी हिफाजत और सेहतयाबी की दुआ करते हैं, उन्होंने कहा कि देश में नफरत की सियासत के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े होने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का व्यक्तित्व राष्ट्र एवं प्रदेश के लिए समर्पित हैं ,मुख्यमंत्री को गरीबो हमदर्द बताया, इस अवसर पर जागरूक नागरिकों प्रबुद्धजनों,नवयुवकों ने शिरकत कीl

क्या है आयते करीमा –

इस्लाम धर्म मे बहुत सारी दुआएं हैं, जिन्हें अलग अलग समय, कामों, और परेशानियों में पढ़ा जाता है, उन्ही में से एक है, आयत ए करीमा दुआ।
माना जाता है, एक बार हजरत यूनुस अलैहिस्सलाम को एक बड़ी बड़ी सी मछली ने निगल लिया, और हजरत यूनुस मछली के पेट मे फस गए। तब हजरत यूनुस ने यह आयत पढ़ी।

और परवरदिगार से उनकी रक्षा करने को कहा जैसे ही हजरत यूनुस अलैहिस्सलाम ने यह दुआ आयते करीमा पढ़ी, वैसे ही अल्लाह ने हजरत यूनुस पर रहम आया।

और उनको मछली के पेट से सही सलामत बिना किसी परेशानी के बाहर निकलवा दिया तभी से यह आयत को एक रक्षा करने वाली आयत माना जाता है, और माना जाता है, की यदि कोई अगर किसी परेशानी से जूझ रहा है, तब सख्त मुसीबत से निजात के लिए और हिफाजत के लिए यह आयत पढ़ी जाती है l

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