सांसद जौनापुरिया ने कृषि उपज के लिए पर्याप्त भंडारण को लेकर लोकसभा में पूछे प्रश्र

Sameer Ur Rehman
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टोंक।  सांसद टोंक व सवाई माधोपुर सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से लोकसभा में प्रश्न संख्या 2636 के माध्यम से कृषि उपज के लिए पर्याप्त भंडारण को लेकर पूछा । सांसद ने सवाल करते हुए कहा कि क्या कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि  क्या सरकार ने कृषि उपज के लिए पर्याप्त भंडारण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं और यदि हां, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई है। क्या सरकार के संज्ञान में आया है कि भंडारण सुविधा के अभाव में किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और यदि हां, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई है।

क्या सरकार का किसानों की मांगों पर विचार करते हुए देश में पर्याप्त भंडारण सुविधा के निर्माण का विचार हैं।  यदि हां, तो विशेष रूप से झारखंड और राजस्थान में तत्संबंधी स्थान-वार ब्यौरा क्या है; और रकार द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान कृषि उत्पादों के लिए भंडारण सुविधाएं बनाने के लिए की गई कार्रवाई का ब्यौरा क्या है? इन प्रश्रो के  प्रतिउत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार एकीकृत कृषि विपणन योजना (आईएसएएम) की उप-योजना कृषि विपणन अवसंरचना (एएमआई) को लागू कर रही है जिसके तहत कृषि उपज के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने हेतु राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में गोदामों / वेयरहाउसों के निर्माण/नवीनीकरण के लिए सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सरकार पात्र लाभार्थी की श्रेणी के आधार पर परियोजना की पूंजीगत लागत पर 25 प्रतिशत और 33.33 प्रतिशत की दर से सब्सिडी प्रदान करती है। व्यक्तियों, किसानों, किसानों/उत्पादकों के समूह, कृषि उद्यमियों, पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और राज्य एजेंसियों आदि के लिए सहायता उपलब्ध है। यह योजना मांग प्रेरित है। दनांक 01.04.2001 से 30.06.2022 तक देश में एएमआई उप-योजना के तहत किसानों सहित लाभार्थियों के लिए 725.7 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाली कुल 41,452 भंडारण अवसंरचना परियोजनाओं (गोदामों) को सहायता प्रदान की गई है।

दिनांक 01.04.2001 से 30.06.2022 तक, झारखंड राज्य में 1.83 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाली कुल 37 परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई और राजस्थान राज्य में 31.43 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाली 1599 परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा, सरकार ने ब्याज छूट और वित्तीय सहायता के माध्यम से वेयरहाउसिंग सुविधा और सामुदायिक कृषि परिसंपत्ति सहित फसलोपरांत मंडी अवसंरचना के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु मध्यम- दीर्घकालिक लोन सुविधा प्रदान करने के लिए 1,00,000 करोड़ रूपए वाले कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) नामक एक केंद्रीय क्षेत्र की वित्त पोषण सुविधा योजना को मंजूरी दी है।

इस योजना के तहत वेयरहाउस सुविधाओं के लिए कुल 9516 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी कुल राशि 7618 करोड़ रूपए है जिसमें झारखंड राज्य में 9.9 करोड़ रूपए की राशि वाली 14 वेयरहाउस सुविधाओं और राजस्थान राज्य में 371.8 करोड़ रूपए की राशि वाली 550 वेयरहाउस सुविधाओं की स्वीकृति शामिल है। पिछले तीन वर्षों में, आईएसएएम की एएमआई योजना के तहत 64.32 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाली कुल 2314 परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई है।

 

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/