टोंक। 13 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन बुधवार है, अधिक मास की अमावस्या तिथि है और इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। विशेष बात यह है कि यह शुभ योग दिन भर रहेगा । अर्थात बुधवार को सुबह सूर्योदय से सूर्यास्त तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग का शास्त्रों में महत्व बताया गया है। इस योग में किए गए काम सिद्ध होते हैं, सभी प्रकार की पूजा-पाठ भी सफल होती है। ज्योतिषियों की राय में इस अहम योग का अधिकतम लाभ जरूर लेना चाहिए।
बुरे दिन समाप्त और अच्छे दिन की शुरुआत:-
डाँ. पण्डित पवन सागर ने बताया कि अमावस्या तिथि और बुधवार के कारण यह योग बहुत ही खास हो गया है। इस दिन भगवान गणेश और देवाधिदेव भगवान शंकर की पूजा जरूर करें। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा घर में स्थित शिवलिंग की विधिसम्मत पूजा करें। शिवजी का जलाभिषेक करें, शिव स्तोत्र, शिव तांडव स्तोत्र आदि का पाठ करें। ओमकार मंत्र ऊँ नमरू शिवाय का कम से कम 1 माला जाप करें। इस मंत्र को इस दिन अधिक से अधिक जाप करें। संभव हो तो 51-101 माला जाप करें। यदि आप ऐसा कर सके तो निश्चित रूप से आपके बुरे दिन समाप्त होने और अच्छे दिन आने की शुरुआत हो जाएगी। इस मंत्र जाप से आपकी कुंडली में जितने भी अशुभ दोष हों तो उनका बुरा असर खत्म हो सकता है।
गणेजी को दूर्वा और लड्डू का प्रसाद अर्पित करें-
डाँ. पण्डित पवन सागर ने बताया कि बुधवार को शिवपूजन के बाद पूजा घर में भगवान गणेश की प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा करें। गणेजी को दूर्वा और लड्डू का प्रसाद अर्पित करें। श्रीगणेश की पूजन के बाद उनकी आरती करें। गणेशजी के सरल मंत्र . ऊँ गं ऊँ . की कम से कम एक माला जाप करें। संभव हो तो श्री गणेश अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
अधिक मास अमावस्या पर विशेष योग आज
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