भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार माली समाज

liyaquat Ali
5 Min Read
कमलेश सिगोदिया ,जिला अध्यक्ष ,टोंक माली समाज

बरसों से विधानसभा सीट पर जैन समाज काबिज

 

इस बार चुनाव में माली समाज भाजपा की बिगाड़ सकता है, गणित

 

कमलेश सिंगोदिया के नेतृत्व में समाज कर चुका है, शक्ति प्रदर्शन

 

टोंक(फिरोज़ उस्मानी)। इस बार विधानसभा चुनाव में माली समाज को अपना जातिगत वोट समझने वाली भाजपा व कांग्रेस सरकार को मुंहतोड़तौड़ जवाब देने को तैयार है। बरसों से दोनों पार्टियों द्वारा समाज को केवल वोट बैंक समझकर ठगा गया है।

 

इसके चलते इस बार समाज ठान कर बैठा है, जो पार्टी समाज के व्यक्ति को टिकट देगी उसी पार्टी को समाज अपना पूरा सहयोग करेगा। माली समाज को अपना पुश्तैनी वोट बैंक समझने वाली भाजपा को इस बार जोर का झटका धीरे से लग सकता है। बरसों से भाजपा में विधानसभा सीट पर जैनवाद चलता आ रहा है। एमएलए से लेकर नगर परिषद चैयरमेन पद भी जैन समाज का पद काबिज रहा है।

 

  कमलेश सिंगोदिया ने बजाया बिगुल

 

भाजपा से असतुष्ठ चल रहा माली समाज का इस बार झुकाव कांग्रेस की और दिखाई दे रहा है। जिसका बिगूल एक साल पूर्व कमलेश सिंगोदिया के नेतृत्व में बज चुका है। कमलेश सिंगोदिया ने 16 अक्टूबर 2016 में समाज के मृर्ति अनावरण कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशौक गहलोत को बुलाकर अपना शक्ति प्रदर्शन दिखा चुके है। वहीं दूसरी और कांग्रेस माली समाज को खूश करने के सभी प्रयत्न कर रही है। टोंक में कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ट में राहुल सैनी को जिलाध्यक्ष का पद दिया गया है।

 

IMG 20180531 WA0030
माली समाज कि बैठक का फ़ोटो

बरसों से भाजपा पार्टी में अपने आप को समप्रित करने वाला माली समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। इसका नतीजा आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। किसी भी विधानसभा में माली समाज के 20 हजार से वोटो से कम नही है।

 

IMG 20180531 WA0027
टोंक माली समाज विवाह सम्मलेन कि फ़ाइल् फ़ोटो

 समाज की हूकांर से भाजपा को हुआ है, नुकसान

 

इतिहास गवाह है, कि माली समाज ने जब भी टिकट की हूंकार भरी है, तब ही भाजपा को भारी नुकसान हुआ है। समाज ने अपने वोट बैंक को पहचाना और ने 1985 में करवट ली। तब विधानसभा चुनाव में महावीर प्रसाद जैन को चुनाव हारना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर समाज ने टिकट की मांग की। इसके चलते भाजपा ने प्रभूलाल सैनी को टिकट दिया। इसके बाद 2003 में विधानसभा चुनाव में प्रभूलाल सैनी उनियारा से जीते। तथा पार्टी से मंत्री पद भी मिला। इसके बाद 2009 में कमलेश सिंगोदिया ने टिकट को लेकर आवाज़ उठाई । भाजपा से महावीर प्रसाद जैन ने कमलेश सिंगोदिया को नगर परिषद चैयरमेन पद के लिए लड़ाया। भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते इसमें कमलेश सिंगोदिया 18सौ वोटों से हार का मूंह देखना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर 2013-14 के चुनावों में कमलेश सिंगोदिया के नेतृत्व में माली समाज के एक तरफा वोट भाजपा में पड़े। इसके चलते भाजपा भारी मतों से विजयी हुई।

 

 

समाज के व्यक्ति को नही मिला कोई बड़ा पद

 

बावजूद इसके समाज के किसी भी व्यक्ति को कोई बड़ा पद नही मिला है। भाजपा ने समाज को खुश करने के लिए माली समाज के अजय सैनी को उपसभापति बनाया। जबकि अजय सैनी पूर्व में कांग्रेंस को छोड़ भाजपा के पाले में आए है। कमलेश सिंगोदिया के नेतृत्व में 5 मई 2018 को माली समाज आम चौरासी पंचायत की बैठक में विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ कर दी है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उसी पार्टी को सहयोग दिया जाएगा जो समाज के व्यक्ति को टिकट देगी।

 

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *