
आगामी चुनावों में समाज को प्रतिनिधित्व नही देने पर भाजपा- कांग्रेस को दी परिणाम भुगतने की चेतावनी
टोंक (एस. एन. चावला)। पांच सदस्यी कमेटी की मौजूदगी में माली सैनी समाज आम चौरासी की महापंचायत मे लिय गये फैसले ने दोनो ही मुख्य दलो की जिले मे नींद उडा दी है, जहा निवाई सुरक्षित सीट को छोडकर बाकी बची सीटो मे से एक पर भी माली को टिकट नही देने वाले दल को हराने का एलान किया गया है। महादेवाली छात्रावास टोंक में माली समाज के जिलाध्यक्ष कमलेश सिंगोदिया, कालूराम बागड़ी, एडवोकेट कैलाश खुद, रमेश चंद सैनी रहमानदिया, कार्यवाहक सदर शंकर लाल धुवारिया आदि आम चौरासी की मोजुदगी मे सम्पन्न महापंचायत में माली समाज को टोंक जिले की तीन विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा – कांग्रेस से एक-एक सीट पर टिकट देने की आवाज बुलन्द करने के साथ ही कहा गया है कि अगर दोनों राजनीतिक पार्टियां माली समाज को दरकिनार करते हुए अन्य को टिकट देती है तो माली समाज उनं विधानसभा क्षेत्रों पर निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा कर दोनों राजनीतिक पार्टियों को अपनी ताकत का एहसास कराएगा। ज्ञात रहे कि करीब ढाई दशक पूर्व भाजपा द्वारा टिकट नही देने से नाराज माली समाज के नवरतन सैनी बतोर निर्दलिय चुनाव मे खडे होकर १० हजार से अधिक वोट लिय थे जिसके चलते भाजपा के महावीर प्रसाद जेन को हार झेलनी पड गई थी। हालाकि इसमें कोई दौराया नहीं है कि माली समाज भाजपा का वोट बैंक माना जाता है।
ऐसे मे एक बार फिर माली समाज अपने वोट बैंक की ताकत को दिखाने के लिये खुलकर सामने आ गया है। ओर दोनों की राजनीतिक पार्टियों से टोंक जिले की किसी भी विधानसभा से माली समाज के व्यक्ति को टिकट देने की मांग करनी शुरू कर दी है। वही पिछले वर्ष माली समाज की द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले की प्रतिमा अनावरण समारोह मे अशोक गहलोत की आमद भी आगामी चुनाव मे कई नये समीकरण को जन्म दे सकती है।
बहरहाल कुछ भी हो लेकिन माली समाज की नाराजगी सबसे ज्यादा भाजपा को ही भारी पड सकती है। इधर बैठक मे समाज में फैली मृत्युभोज जैसी कुरीति को कम करने, मृत्यु भोज सीमित कर हुए सगे-संबंधियों व पडोसियो तक रखा जाने, अनावश्यक पहरावनी को बंद करने, पगड़ी दस्तूर पर राशि एक सौ एक रखा जाने का भी निर्णय लिया गया।